आया सावन झूमकर तीज त्यौहार की लाया बहार मंद-मंद जलद मुस्काएँ उमड़-घुमड़ घटा छाएँ अम्बर पर इंद्रधनुष आए। आया सावन झूमकर।। सजी हाथों में मेंहदी पिया संग झूले बावरी सोलह शृंगार से सजी गौरी झूम रहीं कलियाँ सारी आया सावन झूमकर।। धरती ने हरीतिमा की ओढ़ी चुनरियाँ सजनी के हाथों […]
काव्यभाषा
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