मतदान ज़रूर है करना

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सुनो भैया, सुनो काका, सुन लो री सब बहना,
राजधर्म का पालन करके मतदान ज़रूर है करना।
जैसे हम मातृ ऋण, पितृ ऋण चुकाते हैं,
वैसे ही मतदान करके राष्ट्र ऋण चुकाना।
जैसे इहलोक से परलोक के लिए कई दान करते हो,
वैसे ही सुदृढ़ राष्ट्र के लिए यह दान “मतदान” ज़रूर करना।
पहले से ही कर लेनी है अपनी सब तैयारी,
बीएलओ से ले लेना अपनी सब जानकारी।
घर के बड़ों को भी अपनी ज़िम्मेदारी है समझना,
अठारह साल का सदस्य होने पर सूची में उसका नाम लिखवाना।
अपना बूथ, अपना नाम भी पहले से जान लेना,
अपने साथ पहचान–पत्र ले जाना मत भूल जाना।
मतदाता ही तो लोकतंत्र की रीढ़ है,
मज़बूत लोकतंत्र बनाना भी तो उसकी ज़िम्मेदारी है।
बहुत ही कीमती है एक वोट तुम्हारा,
राष्ट्र उत्थान में इस कर्त्तव्य को तुम बख़ूबी निभाना।
लोक लुभावन वादों पर न जाएँ,
धरातल से जुड़े कर्मठ व्यक्ति को ही जिताएँ।
सोच–समझ कर सही प्रत्याशी को चुनना,
वरना पाँच साल तक पड़ेगा फिर रोना।
आलस न करना,बूथ पर पहुँच जाना,
सर्वप्रथम मतदान करके फिर दूजा काम करना।
राष्ट्र के साथ ख़ुद का भी करना है उत्थान,
ठान लेना, हर हालत में करना है मतदान।
श्रीमती अनुपमा धीरेंद्र समाधिया
इंदौर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।