इंदौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला में आज मंगलवार को शमशेर बहादुर सिंह के साहित्यिक कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए उन्हें उनकी रचनाओं के साथ याद किया गया। 13 जनवरी, 1911 को जन्मे और 12 मई, 1993 को इस संसार […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत में आम चुनाव चल रहे हैं और इसी तारतम्य में सभी राजनैतिक पार्टियों के घोषणा–पत्र भी आ चुके हैं और लगातार सभाएँ भी देशभर में जारी हैं। ऐसे दौर में बुद्धिजीवियों का कुनबा या कहें साहित्य जगत् राजनीति के क्षेत्र से अछूता ही […]

पुस्तक समीक्षा पुस्तक- अर्थ तलाशते शब्द विधा- साक्षात्कार संकलन संपादक- श्री राकेश शर्मा, (संपादक, वीणा मासिक पत्रिका) प्रकाशन- बिम्ब-प्रतिबिम्ब प्रकाशन, फगवाड़ा (पंजाब) मूल्य- मात्र 320रु (198 पृष्ठ) किसी विद्वान के व्यक्तित्व के बारे में जानकारी या अध्ययन उनके साथ रहकर किया जा सकता है, कृतित्व का रेखांकन अथवा अध्ययन उनके […]

इंदौर। देश और दुनिया में इस तिथि को इंदौर से ज़्यादा याद रखा जाता है और ख़ास कर हिन्दी जानने, समझने और अपनाने वाले लोगों के बीच में तो महत्त्वपूर्ण है इंदौर से जुड़ी यादें। इंदौर में 20 अप्रैल 1935 से अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रारंभ हुआ था, जिसमें […]

इंदौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम ’सृजन विविधा’ में आज शुक्रवार को विभिन्न रचनाकारों ने अपनी रचनायें पढ़ीं, जिनका आनंद उपस्थित श्रोताओं ने लिया। आरंभ में स्वागत उद्बोधन समिति के प्रधानमंत्री श्री अरविन्द जवलेकर ने किया और कार्यक्रम का संचालन कर रहीं साहित्यमंत्री डॉ. पद्मा सिंह […]

इंदौर। साहित्य जगत में सबसे अधिक यात्रायें करने वाला ’यायावर’ के नाम से सुविख्यात व्यक्ति अगर कोई जाना जाता हैं वो हैं कालजयी साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन है। 09 अप्रैल 1893 को जन्में और 14 अप्रैल 1963 को जीवन की अंतिम यात्रा करने वाले, 150 से अधिक कृतियों के रचयिता राहुल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।