सच, माँ होती है पेड़ समान दोनों को करते हम प्रणाम । माँ हमको देती है जीवन पेड़ हमें देते हैं ऑक्सीजन मांँ देती है आंचल की छाया पेड़ देते हरे भरे पत्तों से छाया माँ प्यार से बनाती आहार पेड़- पौधे देते हैं फलाहार माँ निस्वार्थ प्यार करती है […]

वो जब भी ज़हन में आया – जाया करता है, दिल का काग़ज़ नम हो जाया करता है ! यूँ अंदर – अंदर सूखे के हालात बहुत, दिल बाहर – बाहर जश्न मनाया करता है ! दिल जैसे कोई डरा हुआ सा परिंदा जो, बस आहट पाते ही उड़ जाया […]

मैंने बदल दी है अपनी मंज़िल की अब राह आहिस्ता-आहिस्ता बस एक उम्मीद जिंदा मिले फैलाकर बाह आहिस्ता-आहिस्ता ज़रूरी नहीं कि पूरा हो हर एक ख़्वाब मेरा खुली आँखों से देखा बस किसी शायर भी मिले हाथ खोलकर वाह आहिस्ता-आहिस्ता चलते चलते थक गए है कदम मिरे अब किससे क्या […]

कभी खामोश सा एक तनहा सुरमई बादल दुआओं सा आँचल से लिपट जाता है कभी सितारों जड़ी मखमली रात के गालों पर नज़र का टीका लगा जाता है झिलमिल चांदनी का एक प्यारा सा कतरा संदली हवाओं के झोंकों संग तुम्हारी याद दिलाता है बरसती बारिश की रिमझिम बूंदों में […]

इन्दौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार जिला प्रशासन इंदौर द्वारा” इंदौर गौरव दिवस “मनाया जाना तय किया गया। क्षेत्रीय ग्रंथपाल एवं परामर्शदात्री समिति की सचिव श्रीमती लिली डावर ने बताया कि आज कला एवं साहित्य विधा के लिए शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित […]

हमारी दांडी यात्रा सुबह जल्दी उठने से मेरा कोई विशेष लगाव नहीं है इसलिए जब मुझे बताया गया कि सूर्योदय के समय दांडी भ्रमण का विशेष आनंद है तो मैंने पूछा कि लगभग वैसा ही आनंद सूर्यास्त के समय नहीं रहता होगा? संतोषजनक स्पष्टीकरण ना मिलने से हमने दांडी शाम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।