जाने क्यों अब चाँद बातें नहीं करता।
रहता है चुप..
ताकता टुकर टुकर ..
नाराज, निराश, न न..
निस्पृह केवल!
बहुतेरे हैं उसे देख कर लिखने वाले..
उसमें जाने क्या-क्या देख पाने वाले… डाकिए का कार्य छोड़े जमाना हुआ..
शायद व्यवहारिक हो गया है यह भी!
नाजुक से फसानें और नाजुक से संदेशे.. विश्वसनीयता की सीमा से परे हैं…अब!
अब पुरानी प्रेम कथाओं की जुगाली और
उनके परिणामों का अवसाद,
सोच पर हावी है उसके।
नए प्रेमियों के नए चोंचले बोरियत देते हैं।
बूढ़ा बहुत बूढ़ा हो गया है चांद!
शायद बहरा और गूंगा भी!
नीलम तोलानी ‘नीर’
इन्दौर, मातृभाषा
परिचय-
नाम- नीलम तोलानी “नीर”
पिता: श्री गोविंद सचदेव
माता: श्रीमती शारदा सचदेव
पति: श्री हरीश तोलानी
पु़त्र : खुश तोलानी, रिद्धिमान तोलानी
जन्म तारीख – 23/05
शिक्षा- Bsc,
MFA,(FINANCE),
WSP ..IIM BANGLURU
रुचियाँ- लेखन पठन
प्रकाशन:
पुस्तक- कितना मुश्किल कबीर होना (2022) संस्मय प्रकाशन, दिल्ली
साझा संग्रह: “गूंज”,”शब्दो की पतवार”, “शब्द समिधा”,”स्वच्छ भारत”
शब्द मंजरी।
सिसृषा ,ब्रज कुमुदेश , काव्यांजलि जैसी छंद
पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन।
*कई समाचार पत्र यथा पत्रिका ,दैनिक भास्कर,सिंधु मशाल पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन जारी।
विशेष सम्मान*
उड़ान वार्षिक प्रतियोगिता 2019 में श्रेष्ठ लघुकथा कार व छन्द लेखन में पुरुस्कृत।
अंतरराष्ट्रीय पत्रिका राम काव्य पीयूष में गीत का चयन ,प्रकाशन
2019 में women web राष्ट्रीय हिंदी कविता प्रतियोगिता में poet of year अवार्ड।
उड़ान सारस्वत सम्मान
उड़ान गद्य सम्राट
सिंधु प्रतिभा सम्मान 2019