सकारात्मकता की खिड़की खुली रखें रचनाकार- डॉ. दवे

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लघुकथा संग्रह ‘खिड़की’ लोकर्पित

इन्दौर। लेखिका यशोधरा भटनागर के लघुकथा संग्रह ’खिड़की’ का विमोचन मातृभाषा उन्नयन संस्थान व संस्मय द्वारा शनिवार दोपहर श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में हुआ। पुस्तक का प्रकाशन संस्मय प्रकाशन दिल्ली के द्वारा किया गया।
आयोजन में मुख्य अतिथि डॉ. विकास दवे ने रचनाकारों का आह्वान किया कि ‘वह अपने लेखन के माध्यम से सकारात्मकता की खिड़की को खुला रखें।’ उन्होंने नए रचनाकारों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन व मंच दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि ‘नई पीढ़ी के रचनाकार बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।’ पुस्तक पर बात करते हुए वरिष्ठ लेखिका ज्योति जैन ने कहा कि ‘खिड़की’ लघुकथा संग्रह में सकारात्मक भाव लिए अनेक पढ़ने लायक लघुकथाएँ हैं। लेखिका यशोधरा भटनागर ने अपने लेखन सफ़र का ज़िक्र किया। स्वागत उद्बोधन मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने दिया। अतिथि स्वागत संदीप भटनागर ने किया। अतिथियों ने आवरण के चित्रकार महेंद्र सिंह सोलंकी का सम्मान किया। संचालन अंशुल व्यास ने किया एवं आभार मुकेश तिवारी ने माना।


इस मौके पर हरेराम वाजपेयी, प्रताप सिंह सोढ़ी, पुरुषोत्तम दुबे, सतीश राठी, डॉ. पद्मा सिंह, राममूरत राही, देवेंद्र सिंह सिसौदिया, पद्मा राजेंद्र, अमरवीर कोर चड्डा, इन्दु पराशर, अश्विनी दुबे, नीलम तोलानी, रुचिता तुषार नीमा, भुवनेश दशोत्तर, चक्रपाणि दत्त मिश्र, अंजना मिश्र, डॉ. आरती दुबे, निरुपमा नागर, डॉ. उषा गौर, हर्षित मालाकार, वाणी जोशी सहित साहित्य जगत के कई लोग मौजूद रहे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।