जय हिंद की सेना

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रक्तधार से सिंचित होकर क्षात्र तेज पाता है,
अग्निशिखा के आगे जैसे तृणदल जल जाता है,
समरभवानी को शोणित का वे नैवेद्य सराते,
मातृभूमि को शत्रुमुण्ड अवगुंठित हार चढ़ाते,
अरि सेना का काल बने हैं जिनके सबल भुजदंड,
कोटि रश्मियों में भासित हैं समरशूर मार्तंड,
शौर्य तेज से दग्ध शत्रुदल मांग रहा परित्राण,
जयतु जयतु जय महासैन्य का दुर्जय महाप्रयाण,

कल्पेश वाघ

खाचरौद

परिचय-

कल्पेश वाघ
पिता : स्व. श्रीकृष्ण वाघ
योग्यता : स्नातकोत्तर (जर्नलिज्म एवं मास कॉम), स्नातकोत्तर (हिंदी)
निवास : खाचरोद, जिला उज्जैन म.प्र.
उल्लेखनीय : हिंदी भाषा में प्रबल आसक्ति के कारण हिंदी साहित्य में उच्च अध्ययन किया व इस पर अपना अच्छा अधिकार स्थापित किया। हिंदी को ही अपनी रचना भाषा बनाया व अनेक गीत व कवितायें लिखीं। वर्तमान में एक काव्य संग्रह “समय अभी तक वहीं खड़ा है” प्रकाशित हुआ है, जो कि मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के सहयोग व अनुमोदन से प्रकाशित हुआ है। एक उपन्यास ‛महाप्रयाण’ (अप्रकाशित) व एक नृत्य नाटिका का भी लेखन किया, साथ ही, अनेक लघुकथाओं का भी लेखन किया। अनेक गीत जैसे “बात ही बात में” , “ तुमने जहाँ छुआ था मुझको” और श्रीमद्भागवद्गीता के विश्वरूपदर्शनयोग अध्याय के काव्य रूपांतरण को बहुत अधिक सराहना मिली। हिंदी को सदैव संस्कृतनिष्ठ ही होना चाहिये ऐसा विचार है और इस क्षेत्र में सोशल मीडिया व भौतिक रूप से भी निरंतर कार्य किया। भाषा में वर्तनी की शुद्धता और विशुद्ध लेखन हेतु अनेक लोगों को प्रोत्साहित व मार्गदर्शन किया। अपनी भाषा व साहित्य पर पकड़ और समृद्ध वाकशैली के कारण अनेक छोटे-बड़े कार्यक्रमों में संचालन का अवसर प्राप्त हुआ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।