तुम हो उषा की किरण तिमिर में, तुमसे पथ आलोकित मैं कर लूँ। मिले यदि असत्य की छाँव भी मुझे, जीवन में मिली सत्य की धूप सह लूँ। तज कर स्वार्थी भ्रमित ये जीवन, नि:स्वार्थ, परोपकारी बन सकूं। परनिंदा में न बीते ये पल छिन, सरल-सहज सुविचार बनाऊँ। विचलित न […]

लुंबिनी में सिद्धार्थ ने जन्म लिया, मात-पिता थे शुद्धोधन और महामाया। सुंदर यशोधरा संग ब्याह रचाया, राहुल को पुत्र के रूप में पाया। राजकुल के सुखों को भोगते हुए, मन में थे वैराग्य को पाले हुए। बूढ़े, रोगी, मृतक देख विचलित हो गए, संसार से विमुक्त संन्यासी देख आकर्षित हो […]

आपका नाम ज़ुबाँ पर आते ही दुनिया सिमट जाती है अंतर्मन में दु:ख से उबरने का रास्ता दिखा रास्ता बना दिया सबके जीवन में। पल-पल आपको याद करती दु:खी के दु:ख देख आप होते थे जैसे दु:खी वैसे ही मैं भी प्राणी मात्र को नहीं देख पाती संघर्षरत दु:खी। आपने […]

कपिलवस्तु के लुम्बिनी वन में शाक्यकुल के राज्यवंश में शुद्धोधन-महामाया के घर इक महापुरुष अवतारे थे तेजस्वी इस ज्योतिपुंज से एशियाई क्षेत्रों में उजास हुआ प्रेम शांति का संचार हुआ… राजा शुद्धोधन-मायादेवी ने पाया सुदर्शन इक राजकुमार सिद्धार्थ उदास ही रहता था देख बुढ़ापा, रोग, मृत्यु को राजमहल के वैभव […]

● मणिमाला शर्मा इंदौर। कालजयी साहित्यकारों की स्मरण शृंखला में मंगलवार को श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति ने राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिंद’ के पुण्यस्मरण पर उन्हें याद किया। स्वागत वक्तव्य समिति की साहित्यमन्त्री डॉ. पदमा सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि ‘ सितारेहिंद जी अपनी मातृ‌भाषा के लिए समर्पित व्यक्तित्व के […]

आधुनिक तकनीकी को पारिस्थितिकी से माफी माँगनी चाहिए – मनोज श्रीवास्तव साझा संसार नीदरलैंड्स की पहल पर ‘साहित्य में पर्यावरण का वैज्ञानिक अध्ययन’ शोध ग्रंथ पर विमर्श आयोजन ऑनलाइन संपन्न हुआ।इस आयोजन की अध्यक्षता प्रख्यात, वरिष्ठ साहित्यकार एवं मध्यप्रदेश शासन के सेवा निवृत, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।