आया है ख़त मीत का,
मुझे सुकून से पढ़ने दो।
आ रहे परदेशी सजनवा,
तैयारी मुझको करने दो।
सतरंगी चूड़ी पहनकर,
मुझे प्रीत के गीत गाने दो।
आ रहे वो मेरे साजन,
मेंहदी मुझको लगाने दो।
रंग–बिरंगी चूड़ियों के संग,
कंगना मैं तो पहनूॅंगी।
मंगलसूत्र पहनकर मैं तो,
सिंदूरी माॅंग सजाऊॅंगी।
सावन के झूले को सजाकर,
पिया के संग मैं झूलूंगी।
सात जन्मों का बंधन है यह,
हरदम ही निभाऊॅंगी।
रिमझिम बारिश में साजन संग,
जी भरकर मैं भीगूंगी।
मीत संग गीत गाकर मैं,
ख़ुशियों से दामन भर लूँगी।
#सीता गुप्ता
दुर्ग, छत्तीसगढ़