0
0
Read Time47 Second
हर-हर भोले शंकर बाबा,
सावन के महाराजा….
भाए बेलपत्र, धतूरा,
करे मंगल काज पूरा।
शंकर_सा योगी न दूजा,
जन श्रद्धा से करें पूजा।
हर-हर भोले शंकर….
पूरे श्रावण सोमवार,
लगता बाबा का दरबार।
होके नन्दी पर सवार,
निकले बन–ठन के सरकार।
हर–हर भोले शंकर….
सावन की हरियाली,
बाबा को बड़ी प्यारी।
निकले भोले की सवारी,
लगती बड़ी मनोहारी।
हर-हर भोले शंकर….
झर-झर झरे सावन बूंदे,
सिर से निकली हर-हर गंगे।
हर बम-बम-बम भोले,
डमरू की धुन गूँजे।
हर-हर भोले शंकर….
#अनिता दीपक, इंदौर
Post Views:
593