इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम सृजन विविधा में शुक्रवार को कई विषयों पर रचनाकारों ने अपनी रचनायें सुनाईं। सृजन विविधा में डॉ. मनीष दवे ने कविता ‘ख्वाहिशों के पन्नों में ज़िन्दगी ख़ूबसूरत बन जाती है।’ तनिश तिवारी ने निष्कर्ष विषय पर लेख पाठ किया। इनके […]

इंदौर। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर साहित्य अनुराग के उद्देश्य से मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें इन्दौर की लेखिका सरला मेहता विजेता रहीं। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘उक्त कविता लेखन प्रतियोगिता डिजिटल स्वरूप में आयोजित की […]

आओ, आओ, एक बात बतायें, गौतम बुद्ध की कथा सुनायें, कहतीं थीं दादी और नानी, उनकी कहानी मेरी ज़ुबानी।। एक दिन गौतम बुद्ध देखो, बैठे थे बिल्कुल चुपचाप, उनको इस दशा में देखकर, शिष्य हो गए बहुत हताश।। लगे सोचने गुरुवर की, तबियत खराब हो गई, या फिर अनजाने में […]

अशोक कहता है, युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए। शांति, ज्ञान, करुणा जिसका गहना‌ वही बुद्ध चाहिए। मोह-माया, राग-द्वेष जिसने त्यागा‌ वही बुद्ध चाहिए। अशोक कहता है, युद्ध नहीं,‌ बुद्ध चाहिए। राजवंश को‌ छोड़ भिक्षुक बन करुणा लुटाए वहीं बुद्ध चाहिए। अपने सुखों से मुख मोड़ देवत्व को जिसने पाया वहीं बुद्ध […]

त्याग, बलिदान की प्रतिमूर्ति शूरवीर थे गौतमबुद्ध, जीवन में मोहमाया से दूर रहने वाले थे गौतमबुद्ध। मोक्ष प्राप्ति के हेतु छोड़ गये अंधियारे में सारे सुख, बसंत–सी हरियाली चली गयी यशोधरा के नसीब में आ गये दुख। स्वाभिमानी, पतिव्रता, सुसंस्कृत थीं यशोधरा, यथा नाम तथा गुण थे सहनशीलता में थीं […]

मनुज- मनुज तुम बात सुनो! बुद्धि संग तुम बुद्ध बनो। शांत भाव को साथ में रखकर, संयमित तुम आचार करो। यह मन तो है एक पवन–सा, चंचल प्रकृति अस्थिरता। कभी अश्व सम दौड़े भागे, कभी ओस की बूंद–सा ठहरे। पर बुद्ध को जो भी समझा, मन की लगाम को वह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।