सबके चेहरों पर चिंता के बादल मंडरा रहे हैं। अम्मा की तबीयत है कि सुधरने की बजाय और बिगड़ती ही जा रही है।कैसी कुम्हला गयीं हैं अम्मा।अब उनका दुख देखा नहीं जाता उनकी कराह से मन दुखी हो रहा है। “अम्मा! अम्मा!” गुलमोहर की डाल पर बैठी चींचीं ने पुकारा […]

रैन तुम्हारे संग बीते फिर , बीते भोर ख्यालों में, बन पगली फिर फिरा करुं मैं , तपते हुए उजालों में । मैं बरखा बन-बन बरसुं, बन पतझर झर- झर जाऊँ रे, शीत ऋतु में तपुं आग सी, ग्रीष्म में ठंडक पाऊँ रे, करूँ कल्पना प्रेम की अब चाहे होगा […]

मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए आलेख लेखन प्रतियोगिता। विशेष आलेख लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जो एक खुला मंच है सभी बुद्धिजीवियों के लिए जिसमें हमारे भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों के बारे में आप आलेख लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट कॉम पर तो […]

लघुकथा की मार्गदर्शिका है ‘‘लघुकथा वृत्तान्त’’ इन्दौर। हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार-कथाकार सूर्यकान्त नागर की 30वीं कृति ‘‘लघुकथा वृत्तान्त’’ का लोकार्पण रविवार को श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय कवि  सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि ‘कम से कम शब्दों […]

इन्दौर। प्रसिद्ध चिकित्सक व साहित्यकार डॉ. कृष्ण चंद्र सक्सेना की संस्मय प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक ‘अनहद नाद’ का लोकार्पण श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में सृजन विविधा के दौरान सुप्रसिद्ध साहित्यकार, एवं समिति के उप सभापति सूर्यकांत नागर, साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. […]

दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में चुनाव का महापर्व चल रहा है। वर्तमान 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून, 2024 को समाप्त हो रहा है। लोकसभा के 543 सदस्यों को चुनने के लिए भारत में 19 अप्रैल से 1 जून 2024 तक आम चुनाव 7 चरणों में सम्पन्न कराए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।