अन्याय न्यायालय में,कैसी सब प्रथा चली, न्याय मिल रहा नहीं,अब तो हटाओ जी। सांच घात कर रहा,मानवतावाद पर, इसके निदान हेतु,कुछ तो जताओ जी। सत्य मेव जयते का,ईमान क्यों डोल उठा क्या थी मजबूरी अब,सभी को बताओ जी। संविधान का आधार,बेच क्यों देते सब कोई तो उपाय सभी,ओर से लगाओ […]

माता-पिता के आँगन, प्रेम मिला खुशहाल, खेलकूद कर हम, बचपन से पली। मन में कपट न था, मिला मूझे आशीर्वाद, रस्म-रिवाज विवाह, पूरा करने चली। रंगा-रंग कार्यक्रम, बारात लेकर आये, घर-द्वार सजा सब, सहनाईयाँ बजी। कन्या-दान दिये पिता, किये अपने से जुदा, नवाचार शुरुआत, करने आगे बढ़ी। माता-पिता का जगह,सास-ससुर […]

बात पहले की है । भारतीय मिथकीय पात्र और लेखिकाओं का नारी विमर्श में डूबा हुआ था। यूं मेरे पास, उससे भी बहुत पहले, अपने काव्य नाटक ’खण्ड खण्ड अग्नि’ के सिलसिले में वाल्मीकि रामायण के अग्नि परीक्षा-प्रसंग की सीता का अपने समय के लिहाज से सशक्त नारी विमर्श भी […]

जाति धर्म का नारा देकर, जनता को उलझाते क्यों हो। मानवता को ठुकराकर, दो दिलों को मुरझाते क्यों हो। राजनीति का भडुवा बनकर, इस देश में नाच रहे हो, खड़ा कर  दिया मुद्दा तो, फिर सामने झुझलाते क्यों हो॥ तूने तो परेशानी का सबब, कुछ दिनों में देख लिया। बना […]

      अच्छे दिन की शुरुआत हो चुकी थी लोगों को ठंढक का एहसास प्रचुर मात्रा में होने लगा था। लोगों के शरीर से गर्मी के पतले-पतले कपड़े उनी कपड़ों के आगे घुटने टेक रहे थे। जो लोग गर्मी के दिनों में कई बार स्नान किया करते उनके स्नान […]

गोस्वामी तुलसीदास – विरचित रामचरित मानस के साँतवे उत्तर काण्ड में राम- राज्य में जनता की सुख समृद्धि , धन- वौभव आदि का विस्तार से वर्णन करते हुए लोंगों -के आपसी आचरण –व्यवहार की पवित्रता , प्रेम और भाई –चारे तथा सभी वर्णों – जातियों के लोग अपने-अपने धर्म का […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।