कन्या-दान

0 0
Read Time2 Minute, 22 Second
ramesha kumar
माता-पिता के आँगन, प्रेम मिला खुशहाल,
खेलकूद कर हम, बचपन से पली।
मन में कपट न था, मिला मूझे आशीर्वाद,
रस्म-रिवाज विवाह, पूरा करने चली।
रंगा-रंग कार्यक्रम, बारात लेकर आये,
घर-द्वार सजा सब, सहनाईयाँ बजी।
कन्या-दान दिये पिता, किये अपने से जुदा,
नवाचार शुरुआत, करने आगे बढ़ी।
माता-पिता का जगह,सास-ससुर ले लिये,
व्यवहार छोड़ दिये,संस्कार नहीं मिला।
पति-प्रेम खोट भरा,उम्मीद न कोई भरा,
दहेज के दानवों ने, रिश्तों में दिया पिड़ा।
राक्षसी प्रवृत्ति लिये, ससूर नजर डालें,
गुहार करती रही, नहीं राहत मिला।
सास और पति पास,बात जब जिक्र किया,
तीनों जन मिलकर, आग हवाले किया।

#रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’ 

परिचय -:
➡ पूर्ण नाम~ रमेश कुमार सिंह 
➡साहित्यिक उपनाम~ ‘रुद्र’  
➡वर्तमान पता~  रोहतास बिहार -८२११०४
➡स्थाई पता~ कैमूर बिहार -८२११०५
➡पूर्ण शिक्षा~ डबल एम.ए. अर्थशास्त्र, हिन्दी एवं बी.एड.
➡कार्यक्षेत्र~ माध्यमिक शिक्षक बिहार सरकार
➡सामाजिक गतिविधि~ साहित्य सेवा के रुप में – साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना एवं सह सम्पादक “साहित्य धरोहर” अवध-मगध साहित्य मंच (हिन्दी)
“साहित्य सरोज पत्रिका” का प्रदेश प्रभारी (बिहार)
लेखन विधा~ छन्द मुक्त,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन मुख्य रुप से वैसे कुछ छन्दमय रचनाएँ भी करतें हैं 
➡ लेखनी का उद्देश्य~ हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार करना, हिन्दी साहित्य की ओर समाज का झुकाव।
➡सदस्यता/सहयोग निधि~ कई साहित्यिक संस्थाओं में  वार्षिक, द्विवार्षिक चार वार्षिक सदस्यता प्राप्त।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शेरनी भी पीछे हट गयी.....

Thu Jan 31 , 2019
शेरनी भी पीछे हट गयी बछड़े की मां जब डट गयी हमारी कलम वो खरीद न सके लेकिन स्याही उनसे पट गयी हमारे मुंह खोलने से पहले दांतों से जीभ ही कट गयी सच बोलने लगा है अब वो समझो उमर उसकी घट गयी गौर से देखो मेरे माथे को […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।