“बधाई हो माजी लड़की हुई है” दरवाजे के पास ही बैठी हुई शैला से नर्स आकर कहती है। “क्या फिर से लड़की है?”  यह कहते हुए शैला के लफ्ज उसके गले में ही अटक जाते हैं। वह रूआसी-सी होकर नर्स की तरफ देखती है। मुस्कुराती हुई नर्स का चेहरा शैला […]

दिन ढलने को हैं शाम होने को हैं तेरी याद बार- बार क्यो आने को हैं कमबख्त क्यो न जाने को हैं? पल दो पल मेरे रहने दे बस मुझे ये जिंदगानी जीने दे पता है न मेरे रोम-रोम हर साँस में बसा है तू फिर क्यों इतना परेशां करता […]

एक शाम जिंदगी की आज भी ढल जाएगी, फिर से एक रात तुम्हारे बिन ही निकल जायेगी। मायूसियों का दौर मुझे जो तुमने तोहफे में दिया, ऐसा कर के क्या तेरी तकदीर बदल जाएगी। तुमने तो अपना लिया है रुख़सती का सिलसिला, दिल में मिरे फ़िर भी मिलन की उम्मीद […]

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कब कौन आ जायेगा कब कौन चला जायेगा कब किसने ये जाना है? कब किसने ये सोचा था? आये हैं जाने के लिये तो फिर इतना क्यो मृत्यु का इतना भय है? खेलो- कूदो इस जीवन का रसपान करो। खुशहाल रहो, खुशहाल करो यही अपना ध्येय रखो जाना है चले […]

  तेरी ही जुस्तजू में, अब तो मिल संगदिल इस चांदनी रात में। रश्क आये चाँद- चांदनी को भी हमें साथ देख, चुरा ले आँखें चाँद भी हमें साथ देख। बैठे रहें हम पहरों एक दूजे के पहलू में, बीते न चांदनी रात, रहे यूँ ही क़यामत तक। न भोर […]

बारिशों की बूँदें बरसने  लगी, तुमसे मिलने  को  फिर  मैं तरसने लगी, इन हवाओं  ने छेड़ा, मुझे  आज  फिर,  तेरी  खुशबु से मैं फिर महकने लगी प्यार  में ही तुम्हारे  गुमसुम  हूँ मैं, तेरी चाहत में फिर मैं  सवरने लगी. रंग मेरा निखरने लगा और भी, तेरे साय में जबसे […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।