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कब कौन आ जायेगा
कब कौन चला जायेगा
कब किसने ये जाना है?
कब किसने ये सोचा था?
आये हैं जाने के लिये
तो फिर इतना क्यो मृत्यु
का इतना भय है?
खेलो- कूदो इस जीवन
का रसपान करो।
खुशहाल रहो, खुशहाल करो
यही अपना ध्येय रखो
जाना है चले जायेंगे
बस अपनी छवि छोड़ जाएंगे
#नेहा लिम्बोदिया
परिचय : इंदौर निवासी नेहा लिम्बोदिया की शिक्षा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में हुई है और ये शौक से लम्बे समय से लेखन में लगी हैं। कविताएँ लिखना इनका हुनर है,इसलिए जनवादी लेखक संघ से जुड़कर सचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं। इनकी अभिनय में विशेष रुचि है तो,थिएटर भी करती रहती हैं।
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Fri Aug 17 , 2018
परम् पूजनीय युगपुरुष , सदी के महानायक हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी जी को अश्रुपूरित भावभीनी श्रद्धांजलि नमन ॐ शान्ति रो रही है धरती माता , रो रहा सारा आसमान । अटलजी आपके जाने से , […]
Beautiful lines .All the best for future.
जबरदस्त