” एक शिक्षक ऐसा भी जो नित नयें नवाचारों से सरकारी स्कूल को बेहतर बनाने में जुटा हुआ हैं । “ ________________________ जी हां  ! हम बात कर रहे हैं शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय नयापुरा माकनी में पदस्थ सहायक अध्यापक गोपाल कौशल की , जिन्हें जुनून है सरकारी स्कूल को […]

जिंदगी में हर बार वक्त बदलता है  ओर वक्त के साथ साथ सब कुछ बदलता है। वह जमाना था जब वेद ,मंत्रों को पढ़ाया जाता था। फिर युग बदला तब वेदों के साथ साथ हथियार कैसे चलाना भी सिखलाया जाता था, जो युद्ध में काम आते थे, फिर शिक्षा केवल […]

हे माँ शारदे, हमें ऐसा वर दे ज्ञान के चक्षु खोल दे, तम छाया है अज्ञान की अंधेरी नगरी की यहाँ, चारों तरफ माया है, यहाँ ज्ञान के मंदिर बहुत बने पड़े हैं, यहाँ रोज द्वार भी खुलते हैं, गुरु और शिष्य भी यहाँ रोज मिलते हैं, लेकिन यहाँ पहले […]

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दर्द सीने में वो, हर पल झेलता रहा। वो  बहादुर  सैनिक था, जो रातभर लड़ता रहा..॥ देख रहे थे सब, बहादुरी उसकी। वो दुश्मनों के बीच, गोलीबारी से खेलत‍ा रहा..॥ ताकत थी उसमें तो, दुश्मनों से भिड़ गया। वो था बहादुर सैनिक, जो तिरंगे के आगे झुक गया॥       […]

कुछ गाओ दर्द उन्हीं का,जो घर होकर बेघर रहते हैं, हालात के हाथों हो मजबूर,जो घर होकर बेघर रहते हैंl कुछ होते दूर माँ से अपनी मर्जी से, कुछ को भूख दूर लेकर जाती है कुछ होते हैं दूर पैसों की खनक से, तो कुछ को मजबूरी भी दूर करती […]

तुम्हीं में बसा काशी काबा, तुम्हीं में गुरुद्वारा है। तुम्हीं में मेरी अयोध्या नगरी, तुम्हीं में नाथद्वारा हैll    तुम्हीं से निकलती गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती। तुम्हीं में बहती वात्सल्य रूपी, अमृत धारा हैl तेरे दोनों चरण बद्री और केदार, माँ  उसी में बसा मेरा पूरा संसारll    आँखें खुली तो तेरा दर्शन पाया, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।