ज्ञान के  चक्षु खोल दे

0 0
Read Time1 Minute, 55 Second
rd bairagi
हे माँ शारदे,
हमें ऐसा वर दे
ज्ञान के
चक्षु खोल दे,
तम छाया है
अज्ञान की
अंधेरी नगरी
की यहाँ,
चारों तरफ
माया है,
यहाँ ज्ञान के मंदिर
बहुत बने पड़े हैं,
यहाँ रोज
द्वार भी खुलते हैं,
गुरु और शिष्य भी
यहाँ रोज मिलते हैं,
लेकिन यहाँ पहले
जैसी कोई बात नहीं,
विद्यालय का
वातावरण बदल
गया है,
गुरु और शिष्य का
नाता पहले जैसा
नहीं रहा है।
यह हम नहीं,
सारा समाज
कह रहा है॥
            #आर.डी.वैरागी  
परिचय : श्री रमेशदास पिता तुलसीदास का जन्म ग्राम कल्याणपुरा जिला झाबुआ (म.प्र.) के छोटे से कस्बे में हुआ है। आप लेखक के रुप में ‘उधार’ नाम से जाने जाते हैं,जिनका जीवन सादा और विचार क्रांतिकारी हैं। लम्बे समय तक सरकारी कर्मचारी होने की वजह से इनकी रचनाओं में सरकार से जुड़े कामकाज और राजनीति पर काफी कुछ पढ़ने को मिलता है। आर.डी.वैरागी स्वभाव से अंतर्मुखी होकर जीवन का होशपूर्ण व्यापन करने की बात कहते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य समाज को जागृत करना और हिन्दी भाषा को बढ़ावा देना है। काफी लम्बे समय तक सरकारी कर्मचारी होने की वजह से उनकी रचनाओं में सरकार से जुड़े कामकाज और राजनीति पर काफी कुछ व्यंग्य पढ़ने को मिलते हैं,  जिससे पाठक सोचने पर मजबूर होता है। इन्होंने अपनी रचनाओं में जीवन से जुड़े लगभग सभी तथ्यों पर विचारों को बेधड़क लिखा है। 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हम बालक नादान मैया

Mon Jan 22 , 2018
हम बालक नादान मैया,तेरी शरण में आए हैं। दे दो हमको ज्ञान जरा-सा,तुझे रिझाने आए हैं॥ तू करूणा स्वरूपिनि माँ,तू ही ज्ञान की दाता है। छोड़ कहाँ हम जाएं तुझको,तू ही हमारी माता है॥ रिश्ता है ये पावन अपना,तुझे बताने आए हैं… ना कोई मंजिल हमारी,ना राहों का है पता। […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।