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दर्द सीने में वो,
हर पल झेलता रहा।
वो बहादुर सैनिक था,
जो रातभर लड़ता रहा..॥
देख रहे थे सब,
बहादुरी उसकी।
वो दुश्मनों के बीच,
गोलीबारी से खेलता रहा..॥
ताकत थी उसमें तो,
दुश्मनों से भिड़ गया।
वो था बहादुर सैनिक,
जो तिरंगे के आगे झुक गया॥
#विनोद बैरागी वैष्णव
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Thanks, it’s quite informative
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