छल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। है कभी मिठास तो, है कभी खटास भी। महफिलें सजी हुई, है कभी वनवास भी॥ ढल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। उम्मीदों के तूफान है, डूब का अनुमान है। हौंसलों की नाव पर, किनारों का अरमान है॥ संभल रही है […]

जहर कुछ जात का लाओ तो कोई बात बने। आग  मजहब  से लगाओ  तो कोई बात बने॥ देश की शाख़ मिटाओ तो कोई बात बने। फ़स्ल नफ़रत की उगाओ तो कोई बात बने॥ सख़्त लहजे में अभी बात न कीजै उनसे। मोम पत्थर को बनाओ तो कोई बात बने॥ अब […]

चारों तरफ हो खुशियां ही खुशियां,कहीं कोई गम न हो हर किसी की थाली में हो खाना और कोई आंख कभी नम न हो। बस नूतन वर्ष पर भगवान से है यही कामना मेरी भारत के लिए, जातिगत मिटे भेदभाव कोई किसी से जात में कम न हो। हंसी-खुशी के […]

यूँ तीरगी के साथ ज़माने गुज़र गए। वादे तमाम करके उजाले मुकर गए॥ शायद अलग था हुस्न किसी कोहिनूर का। जन्नत की चाहतों में हजारों नफ़र गए॥ ख़त पढ़ के आपका वो जलाता नहीं कभी। कुछ तो पुराने ज़ख़्म थे पढ़कर उभर गए॥ उसने मेरे जमीर को आदाब क्या किया। […]

गुजरात चुनाव में आए नतीजों के आधार पर वर्तमान में भारत के सबसे बड़े दल  भाजपा को शुभकामनाओं के साथ सुझाव भी है कि,आप भले ही चुनाव जीतने में सफल हुए हों,लेकिन पिछले २० साल से गुजरात और पिछले ३ साल से देश में विपक्ष को धराशाई करने वाली दल […]

आजकल मैं अहसासों के बलबूतों पर जी रहा हूँ। मुझे हर क्षण मिलती हुई ऊर्जा के सबूतों पर जी रहा हूँ॥ मैं एक कदम बढ़ाता हूँ, खुश होता हूँ .. फिर उसका स्वाद लेकर, मैं एक कदम और बढ़ाता हूँ… इस तरह,खुद की खिदमतों पर जी रहा हूँ… आजकल मैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।