ज्ञान का दीप जलाओ तो..

0 0
Read Time1 Minute, 45 Second
naveen mani
जहर कुछ जात का लाओ तो कोई बात बने।
आग  मजहब  से लगाओ  तो कोई बात बने॥
देश की शाख़ मिटाओ तो कोई बात बने।
फ़स्ल नफ़रत की उगाओ तो कोई बात बने॥
सख़्त लहजे में अभी बात न कीजै उनसे।
मोम पत्थर को बनाओ तो कोई बात बने॥
अब तो गद्दार सिपाही की विजय पर यारों।
याद में जश्न मनाओ तो कोई बात बने॥
जात के नाम अभी तीर बहुत तरकश में।
अमन को और मिटाओ तो कोई बात  बने॥
बस सियासत में अटक जाए न वो बिल वाजिब।
शोर संसद में मचाओ तो कोई बात बने॥
इस तरह फर्ज निभाने की जरूरत क्या है।
साथ ता-उम्र निभाओ तो कोई बात बने॥
रस्म करते हो अदा खूब ज़माने भर की।
हाथ दिल से जो मिलाओ,तो कोई बात बने॥
जिंदगी कर्ज चुकाने में गुज़र जाती है।
चैन कुछ ढूंढ के लाओ तो कोई बात बने॥
कर गई तुझको जो मशहूर मुक़द्दर बनकर।
वो ग़ज़ल आज सुनाओ तो कोई बात बने॥
घर जलाना तो बड़ी बात नहीं है साहिब।
एक घर अपना बनाओ तो कोई बात बने॥
यूँ दिवाली के चिरागों से भला क्या होगा।
ज्ञान का दीप जलाओ तो कोई बात बने॥

                  #नवीन मणि त्रिपाठी

परिचय : नवीन मणि त्रिपाठी कानपुर(उत्तरप्रदेश)के अर्मापुर रियासत में रहते हैंl आपका जन्म १९७५ का हैl 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भाग्यवान

Sat Jan 6 , 2018
सुबह की प्यारी-सी नींद में वो प्यारी-सी आवाज,-अरे भाग्यवान उठो री,सूरज चढ़ आया है।’ दीपक ताऊ की आवाज ने जैसे नींद को छूमंतर कर उसे नई चेतना प्रदान कर सचेत कर दिया। उस आवाज के साथ ही इक आवाज बिमला ताई की आई,तो जैसे अम्रत के घोल में जहर घोल […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।