दोनों दलों के लिए चिंतन आवश्यक

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naveen bilaiya(ad)
गुजरात चुनाव में आए नतीजों के आधार पर वर्तमान में भारत के सबसे बड़े दल  भाजपा को शुभकामनाओं के साथ सुझाव भी है कि,आप भले ही चुनाव जीतने में सफल हुए हों,लेकिन पिछले २० साल से गुजरात और पिछले ३ साल से देश में विपक्ष को धराशाई करने वाली दल भाजपा को भी चिंतन करने की आवश्यकता है।
 भारत के महानायक का गढ़ कहे जाने वाले राज्य में ही मात्र तीन साल में आप अपनी विश्वसनीयता कायम नहीं रख सके,और लोकतंत्र के आधार पर जीतने में तो कामयाब हो गए किन्तु प्रजातंत्र के आधार पर आप अभी से हारने लगे हैं। बिना विपक्ष के सत्तारूढ़ पार्टी मदमस्त हाथी की तरह हो जाती है,इसलिए स्वतंत्रता के बाद लगभग ६० साल तक राज करने वाली कांग्रेस को भी देश का नागरिक होने के नाते सुझाव है कि,आज गहन मंथन करने की आवश्यकता है कि, आखिर आपके द्वारा धार्मिक और हिंदूवादी मुद्दा अपनाने के बावजूद भी जनता के बीच आपकी विश्वसनीयता को वापिस लाने में कामयाब क्यों नहीं हो पाए।
                    सोचना होगा कि,कहीं आज आपके नेतृत्व या स्वतंत्रता के समय से बनाए हुए दल नीति अथवा नियम-कानूनों को बदलने या पुनर्विचार करने की जरूरत तो नहीं हैं। सर्वोच्च दलों के नेतृत्व को इस दिशा में गम्भीर चिंतन करना ही होगा,अन्यथा आगे यह परिणाम और भी चौंकाएंगे।
                                           #एड. नवीन बिलैया

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