14 जुलाई की सुबह केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर प्रख्यात पत्रकार राहुल देव,विदुषी कथाकार चित्रा मुद्गल,पद्मश्री डाॅ.श्यामसिंह शशि,मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय,संपादक राकेश पाण्डेय तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. दर्शन पाण्डेय ने भी भेंट कीl सभी ने भोजपुरी और राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में […]

हिन्दी के लिए लड़ने वाले मुबंई के प्रवीण जैन  ने राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय,भारत सरकार,नई दिल्ली) के सचिव को वस्तु एवं सेवा कर सम्बन्धी वेबसाइट,ऑनलाइन सेवाएँ, प्रारूप(फॉर्म), मैनुअल, विवरणी और ऑनलाइन पंजीयन आदि केवल अंग्रेजी में होने और राजभाषा की अनदेखी करने की शिकायत की हैl आपने शिकायत में कहा है कि,आज देश में आर्थिक एकीकरण के लिए वस्तु […]

हिन्दी प्रान्तों के लोग भी अगर हिन्दी को अपना लें तो इसे किसी अन्य भाषा-भाषी का मुखापेक्षी होने की ज़रूरत नहीं है। दुनिया की जनसंख्या में हिन्दी-भाषियों की संख्या बहुत बड़ी है,पर समस्या यह है कि अपने ही घर में हिन्दी जलावतन हो गई है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है उत्तर प्रदेश के […]

हिन्दी विरोधी ट्विटर अभियान के बाद `हमारी मेट्रो,हम नहीं चाहते हिन्दी` दो मेट्रो स्टेशनों-चिकपेट और मैजेस्टिक के हिन्दी में लिखे गए नामों को 3 जुलाई को अखबार और टेप की मदद से ढँक दिया गया है। ये मेट्रो बोर्ड कन्नड़,अंग्रेजी और हिन्दी में थे। केआरवी कार्यकर्ता प्रवीण शेट्टी ने रेस्त्रां के […]

भारत सरकार(गृह मंत्रालय,राजभाषा विभाग) के २३  जून २०१७ के संकल्प के अनुसार महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश्र्वर मिश्र तथाकेन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के  पूर्व प्राध्यापक-हिन्दी के मूर्धन्य विद्वान व वयोवृद्ध हिन्दीसेवी कृष्णकुमार गोस्वामी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित हिन्दी की सर्वोच्च समिति ‘केन्द्रीय हिन्दी समिति’ के सदस्य होंगे। समिति का कार्यकाल तीन […]

देश के प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता पुरस्कार से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों दिल्ली में प्रसिद्ध पत्रकार राहुल देव को सम्मानित किया गया। राहुल देव ने पत्रकारिता की शुरूआत १९७९ में स्नातकोत्तर पढ़ाई के दौरान लखनऊ में ‘दि पायोनियर’ से की थी। इस तरह वे आपातकाल की छाया से ताजा-ताजा मुक्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।