सृजन विविधा में रचनाकारों ने सुनाएँ गीत और कविताएँ

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इंदौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम ’सृजन विविधा’ में आज शुक्रवार को विभिन्न रचनाकारों ने अपनी रचनायें पढ़ीं, जिनका आनंद उपस्थित श्रोताओं ने लिया। आरंभ में स्वागत उद्बोधन समिति के प्रधानमंत्री श्री अरविन्द जवलेकर ने किया और कार्यक्रम का संचालन कर रहीं साहित्यमंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने सृजन विविधा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस कार्यक्रम में नये रचनाकरों को स्थान देना संस्था का उद्देश्य रहता है। तनिष तिवारी ने ’मन के परिवेश’ की कविता सुनाई, किरण पांचाल की कविता ’चलते-चलते थक गये हो तो सुस्ता लो जरा…’ भावपूर्ण रचना रही। बालक ब्रज जैन ने बहुत ही सुन्दर रचना का पाठ किया। संतोष त्रिपाठी के गीत ’होने लगी है शाम जरा लौट आइये…’ ने तालियां बटोरी। डॉ. मेजर महेश गुप्ता की रचना ’नहीं समझा सपने को…’, अजय गोविंद राव का व्यंग्य ’आओ देखो रेल्वे स्टेशन…’ दिनेश दवे की कविता ’लिखने वाले कवि कम न होंगे.’, मनोज तिवारी की रचना ’यह जिंदगी बड़ी मुश्किलों का नाम है…’ और शुभम तिवारी का राष्ट्र का गुणगान बहुत पसंद किया गया। कार्यक्रम में डॉ. अर्पण जैन, किशोर यादव आदि ने भी रचना पाठ किया। अगले कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए आभार प्रचारमंत्री हरेराम वाजपेयी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर सूरज कनोडिया, अमर सिंह मानावत, नीलम सिंह सूर्यवंशी, जयंत तिकोटकर, दिलीप नीमा, जयकुमार अग्रवाल, अजय गोविंद गाड़गिल, शीला बड़ोदिया, शशि निगम आदि काफी संख्या में साहित्यकार मौजूद थे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।