बनाकर ताज शाहजहां ने, दुनिया को  तोहफा दिया है ।  हर आशिक की यादों में,  मुमताज को जिंदा कर दिया है ।।  संगमरमर से तराशा है,    मुहब्बत की निशानी को ।  जज्बातों से लिख दिया,      प्यार की कहानी को ।।।।  मिसाल ए मुहब्बत को ,    रूबरू […]

कुदरत की कारीगरी हो,     ख़ुद अपनी पहचान हो।   मत भूलो वज़ूद अपना,       तुम भी एक इंसान हो॥  मानवता का मंदिर हो तुम,        प्रेम की मिसाल हो।    माटी के पुतले अजीब,        तुम भी एक इंसान हो॥   मासूमियत […]

अंधियारों से घिरा है जीवन, आओ उजाला खोजें। अपने मन की कंदराओं में, काबा-शिवाला खोजें॥ विष रूपी इस जग में हम, प्रेम-प्याला खोजें। दर्पण रूपी साहित्यिक मन में, सूर-निराला खोजें॥ अब उड़ना है नील गगन में, अपना रास्ता खोजें। डरें नहीं,अब कदम बढ़ाकर, खुद सफलता खोजें॥         […]

नई उम्मीदें लेकर फिर,    नया साल आया है। घृणा-द्वेष मिटाने ये,      प्यार साथ में लाया है॥  नए सुहाने ख़्वाब देखता,       अजीब अल्हड़ बचपन है।   कश्मकश के भंवर में उलझा,          कैसा मानव जीवन है॥    सपने नए सजाने फिर,   […]

कितने रिश्ते,कितने नाते, दुनिया में बनाते हैं।  दिल से पूछें अपने हम,  कैसे उन्हें निभाते हैं॥   लोभ-लालच और अय्यारी,   रिश्तों में भर देते हैं।   दाग़दार इन रिश्तों को,   हम ख़ुद ही कर देते हैं॥    आओ रिश्तों को हम,    थोड़ा-सा रूहानी कर दें।    दिल […]

   तेरे लबों की ख़ामोशी,   अक्सर हैरान करती है। बिन कहे ही यह तो, सब कुछ बयान करती है॥ ख़ामोश अल्फाज़ रहते मेरे, निगाहें बात करती है। अपनी मोहब्बत के किस्से, ये दिन -रात पढ़ती है॥ हीर-रांझा नहीं है पर, सच्चे आशिक हम भी हैं। बे-हया नहीं है मुहब्बत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।