1

गुरूपूर्णिमा का पावन दिन,दरबार में शिष्यों का तांता लगा हुआ है। आज गुरूजी के दर्शन के लिए सुशील अपनी माता जी को भी ले आया। माताजी ने सुशील का हाथ पकड़कर गुरू गादी तक का सफर तय किया। प्रणाम,कर माताजी गुरू का अभिवादन कर बैठी ही थी कि, गुरूजी ने […]

मेरी गुरु जिंदगी, उसी ने सिखाया मौन की कीमत, शब्द की सीरत उसी ने दिखाया, अंतर का भाव बाहर का भराव, उसी ने समझाया अपना कौन ? पराया कौन ? उसी ने चुने अंधेरे भी, उजाले भी और मैंने, एक आज्ञाकारी शिष्या बन मानी हर सीख। मुझे माँजा उसी ने, […]

3

७० साल की वृद्व माताजी,अब पैरों से कम ही चल पाती,इसलिए बेटा माताजी के लिए इस तनख्वाह पर व्हील चेयर( पहिया कुर्सी) ले आया। मां की खुशी का भी ठिकाना ना रहा। अब वह पूरे घर में कुर्सी पर बैठकर घूम सकेगी,आंगन में उड़ती चिड़िया और गुनगुनी धूप का आनन्द […]

7

पायल अब १८ की हो चली। जन्मदिन,शुभ दिन। इस पावन दिन पर हमेशा की तरह पिताजी की तरफ से कोई नायाब तोहफा दिया जाता रहा,लेकिन आज का तोहफा मेरे लिए यादगार बन गया।  दोपहर १२ बजे पिताजी ने कहा-`बेटा पायल,आज पूरा परिवार बड़े घर जाकर तुम्हारा जन्मदिन मनाएगा। जन्मदिन की […]

हमने सोचा नहीं, कब ये जाना नहीं इश्क तुमसे हुआ, हमको क्या हो गया जिंदगानी मेरी, थी बड़ी बेजुबां चांद आँगन में उतरा, जवां हो गया। जो थी अब तक कोई, राजदारी मेरी मुझको तुम जो मिले सब बयां हो गया, तेरी नजर मिली या कयामत हुई, दिल ये मासूम […]

जीवन तो है यह अनमोल, है ऋषियों-शास्त्रों के ये बोल। धरा धाम पर नहीं अकारण, आना हुआ लो मन में तौल॥ दीप निशा में तमस मिटाता, ऊर्जा रोशनी है सूरज लाता। है पवन किए जीवन्त जगत को, पावस धरा की प्यास बुझाता॥ सौरभ सुमन विटप फल देते, नदियाँ नीर विकल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।