पिता मील का पत्थर जो,सच्चाई की राह बताते पिता पहाड़ जो,जिंदगी के उतार-चढ़ाव समझाते पिता जौहरी जो,शिक्षा के हीरे तराशते पिता दीवार जो,अपने पर भ्रूण-हत्या पाप लिखवाते पिता पिंजरा जो,रिश्तों को जीवन भर पालते पिता भगवान जो,पत्थर तराश पूजे जाते पिता सूरज जो,देते यादों के उजाले पिता हाथ जो,देते सदा […]

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माता-पिता के गुजर जाने से, घर को संभाल रही बेटियाँ। कांधा देकर-अग्निदाह करके, संस्कृति निभा रही बेटियाँ l बेटों के बिना बेटा बन के, लोगों को दिखला रही बेटियाँ। वेशभूषा से पहचान मुश्किल, कहते हैं कि बेटे हैं या बेटियाँ। वाहन चलाने से डरती थी, हवाई जहाज उड़ा रही बेटियाँ […]

  एक अमीर महिला मोहल्ले में बड़ी-बड़ी डींग हांकती रहती थी,कि  उसके पास पैसा हैl उसी मोहल्ले में गरीब व मध्यम परिवार के लोग भी रहते थेl किसी संस्था द्धारा महिला सभा आयोजित की गई,और सभी महिलाओं को आमंत्रित किया गयाl सभा शुरू होने से पहले अमीर महिला ने दिवाली के […]

मैंने देखी ही नहीं, रंगों से रंगी दुनिया कोl मेरी आँखें ही नहीं, ख्वाबों के रंग सजाने को| कौन आएगा,आँखों में समाएगा, रंगों के रूप को जब दिखाएगा रंगों पे इठलाने वालों, डगर मुझे दिखाओ जरा चल संकू मैं भी अपने पग से, रोशनी मुझे दिलाओ जरा ये हकीकत है […]

(नागपंचमी विशेष) एक जानकारी के मुताबिक उड़ने वाले सांपों की प्रजाति का पता चला है। दक्षिण अमेरिका में इस प्रकार की प्रजाति के सांप के फन अवशेष शोधकर्ताओं को प्राप्त हुए हैं। टेरासोर की नई  प्रजाति को `ऑलकारेन` नाम दिया गया। शोधकर्ताओं का प्रमुख उद्देश्य उड़ने वाले सांप समूह की उत्पति व […]

सुबह के सूरज से, आँख मिलाकर की बातें दोपहर के सूरज से नहीं कर सकते बातें, सबने उसे सिर चढ़ा रखाl अभिमानी इंसान दिया भी दिखा नहीं सकते, क्योंकि,सूरज ने उनकी परछाई का कद कर रखा है छोटाl हर रोज की तरह, होती विदाई सूरज की सूर्यास्त होता ये भ्रम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।