किसी की मोहब्बत में खुद को मिटाकर कभी हम भी देखेंगे अपना आशियां अपने हाथों से जलाकर कभी हम भी देखेंगे ना रांझा ना मजनूं ना महिवाल बनेंगे इश्क में किसी के महबूब बिन होती है ज़िंदगी कैसी कभी हम भी देखेंगे मधुशाला में करेंगे इबादत ज़ाम पियेंगे मस्ज़िद में […]

त्याग तपोमय रूप जगत का सत् अद्भुत शांति कुंज सी पुंज सकल छाया निकुंज इश्वर सम साकार विविध विधि करूणा उपहार जगत में विस्तृत फैले यश तेरा साकार ब्योम सा अंको मे लेले पावन रज की गंध सुगंधित कर दे जीवन परम पिता के अंको मे तू विह्वल खेले मर्यादा […]

हिन्दी तुमसे प्रेम है । अनुराग है । तेरे कारण मन प्रफुल्लित है। जीवन मे आह्लाद है । तुम्हे नमन करता हू । बंदन करता हू । तेरे हि स्पर्श से नित अपनी वाणी तुमको अर्पण करता हू। तू जननी है मुझे दुलारती है। मेरे अब्यक्त शब्दों को संवारती है। […]

हर राम का जटिल जीवन पथ होगा जब पिता भार्या भक्त दशरथ होगा करके ज़ुल्म करता है वो इबादत कहो फिर कैसे पूर्ण मनोरथ होगा नींद आयेगी तुझे भी सुकून भरी जब तू भी पसीने से लथपथ होगा कृष्ण का भी रथ बढ़ रहा नहीं आगे सुदामा के रक्त से […]

 समाज हमेसा से दो भागों में बंटा रहा है ,एक अच्छे लोगो मे दूसरा अच्छेपन का दिखावा करने वाले लोगो मे । समाज हमेसा दोहरे मापदंड तय करता है ,और यही समाज का असली रूप है। किसी व्यक्ति का रंग उसके व्यक्तित्व का परिचायक नही हो सकता ,पर सामाजिक रूप […]

बहुत हुई आवारगी अब तो संभल जाने दो निभाना है मुझे राष्ट्रधर्म मत रोको जाने दो अंधेरा बहुत गहरा है एक चिराग़ जलाने दो खोल दो पिंजरें सारे परिंदों को उड़ जाने दो वे कोई ग़ैर नहीं हैं औलादें हैं मेरी मां की मत रोको उन्हें मेरे गले से लग […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।