शहर के युवा रचनाकार और शायर डॉ वासिफ क़ाज़ी के काव्य संग्रह अदीब का विमोचन 29 सितंबर को झीलों के शहर भोपाल में वरिष्ठ साहित्यकारों की गरिमामय उपस्थिति में किया गया । डॉ वासिफ क़ाज़ी के इससे पूर्व भी दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं , जिन्हें पाठकों की […]

 रहगुज़र मेरी तुम, रहनुमा भी हो ।  हो रोशनी मेरी तुम, लालिमा भी हो ।।  तड़प देती हो इश्क में,ज़ालिमा भी हो ।  हक़ जताती हो मुझ पर, प्रेमिका भी हो ।।  ये प्रेमलगन है दिलों का मिलन तो होगा ।  न मिले इस जन्म में, पुनर्जन्म तो होगा ।। […]

आते हो रोज़ ख़्वाबों में मेरे,   नींदें भी ग़ुस्ताख़ हुईं हैं । मेरी ज़िन्दगी की शामें भी,   तुमसे ही गुलज़ार हुईं हैं ।।  हर नज़र मेरी हर घड़ी,     तेरा इंतज़ार कर रही है ।  दुनिया कह रही है मुझे,      तुमसे प्यार नहीं है ।। […]

  ज्ञान गुरु के बिना नहीं,    गुरु की महिमा न्यारी है । रोशन है उनसे जीवन ये,     बिन उनके दुनिया अंधियारी है ।। गढ़ते फ़ौलाद, माटी से ये      अज्ञान तमस हटाते हैं । मन की कंदराओं में गुरु,        ज्ञान दीप जलाते हैं […]

इश्क की ठंडी छांव में तेरी,    आंख मेरी लग जाती है । दिन गुज़रता सोच कर तुझको,     शामें उदास हो जाती है ।। हाथों की ये लकीरें मेरी ,     तुम्हें नसीब कहती हैं । धड़कने मेरे सीने में ,     नाम तुम्हारा लेती हैं […]

   ऐतबार नहीं करता दिल मेरा,  दुनियादारी की बातों में ।   खुली आंखों से ख़्वाब देखता,   तारे गिनता ये रातों में ।।  रस्मों रिवाज़ की दीवारें क्यों,   दुनिया ने उठायी है ।  प्रेमनगर में दिल के मेरे ,   किसने हलचल मचायी है ।।  आसमान भी सूना […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।