एक समय था, जब मुन्ना जी  की नियमित दोस्ती थी शराब से, नशा मुक्ति अभियान का बैनर थामे अभियान की अगुवाई करते थे, तो सब लोग इस जुमले पर हंसी ठिठोली किया करते थे । यूं तो मुन्ना जी, और शराब दो जिस्म एक जान कहलाते रहे।  पूरी जिंदगी शराब […]

स्वर्णिम आभा बिखेरते हुए सूरज ने किया श्रृंगार रम्भाति गायो के झुंड में लौट आई शक्ति अपार धूल उडाती पगडंडी और पक्षी करते मनुहार लो आ गई गोधूलि बेला गीत गाओ हजार मंदिरो में बजती घंटी और चोखट पर है इंतजार लो आ गई गोधूलि बेला करो दिल से सत्कार। […]

अब सफलता ज्ञान से नही, धन-बल से आंकी जाती है, किताबे पठन-पाठन हुआ दूर मोबाइल पर नजर आते है, कार-बंगले सोना-चांदी है लुभाते सबको, संस्कार कोसो दूर नज़र आते है, माँ-बाप को कभी पूछा नही और मन्दिर-मन्दिर शीश झुकाते है, अजीब सोच है इंसा की हाथ पर हाथ धरे बैठे […]

वो लोग बहुत याद आते हैं जो दिलो में जगह बनाते हैं वार्ना सिकन्दर सरीखे भी दुनिया मे भुला दिए जाते हैं जो अपने अल्फाजो में दर्द उकेरते हैं परायो का जो अपनी मुठ्ठिया भर उलीचते हैं खुशियां किसी के आँगन में चुपके ही से निःस्वार्थ प्रीत का पौधा उगाते […]

मोमबत्तिजलाकर दो दिन  मौन मत हो जाओ तुम मैं जल रही हु हर घर मे अब तो आवाज उठाओ तुम बात अब नही बनेगी   खाली कोरी बातो से  बनकर सखा ,द्रोपदी का अबतो चीर बढाओ तुम बहुत हो चुकी नारे बाजी  दिया कोई जलाओ तुम कहि किसी नारी को अपनी […]

शोभा यात्रा के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई गयी।  नगर भवन में डी एम साहब सभी को संबोधित कर रहे थे – ” आप सभी प्रबुद्ध लोग हैं, जिन पर आज बहुत बड़ी जिम्मेदारी है…सामाजिक सौहार्द्र और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।