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वो लोग बहुत याद आते हैं
जो दिलो में जगह बनाते हैं
वार्ना सिकन्दर सरीखे भी
दुनिया मे भुला दिए जाते हैं
जो अपने अल्फाजो में
दर्द उकेरते हैं परायो का
जो अपनी मुठ्ठिया भर
उलीचते हैं खुशियां
किसी के आँगन में
चुपके ही से निःस्वार्थ
प्रीत का पौधा उगाते हैं
वो लोग बहुत याद आते हैं।
रक्त में बहती है करुणा जिनके
परपीड़ा पैरो चुभे काँटे सी पाते हैं
नफरत से भी नफरत न करते
प्रेम उसके हृदय में भी जगाते हैं
खींचते है लीक मर्यादा की
आदर्श जीवन जो बिताते हैं
इतिहास में वीर अटल से
अटल ,याद किये जाते हैं।
#विजयलक्ष्मी जांगिड़
परिचय : विजयलक्ष्मी जांगिड़ जयपुर(राजस्थान)में रहती हैं और पेशे से हिन्दी भाषा की शिक्षिका हैं। कैनवास पर बिखरे रंग आपकी प्रकाशित पुस्तक है। राजस्थान के अनेक समाचार पत्रों में आपके आलेख प्रकाशित होते रहते हैं। गत ४ वर्ष से आपकी कहानियां भी प्रकाशित हो रही है। एक प्रकाशन की दो पुस्तकों में ४ कविताओं को सचित्र स्थान मिलना आपकी उपलब्धि है। आपकी यही अभिलाषा है कि,लेखनी से हिन्दी को और बढ़ावा मिले।
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Tue Aug 21 , 2018
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