अब सफलता
ज्ञान से नही,
धन-बल से
आंकी जाती है,
किताबे
पठन-पाठन हुआ
दूर
मोबाइल पर
नजर आते है,
कार-बंगले
सोना-चांदी है
लुभाते सबको,
संस्कार कोसो
दूर नज़र
आते है,
माँ-बाप को
कभी पूछा नही
और
मन्दिर-मन्दिर
शीश झुकाते है,
अजीब सोच है
इंसा की
हाथ पर हाथ
धरे बैठे है, और
भाग्य को कोसते
नज़र आते है।
#विजयसिंह चौहान
परिचय : विजयसिंह चौहान की जन्मतिथि ५ दिसंबर १९७० और जन्मस्थान इन्दौर हैl आप वर्तमान में इन्दौर(मध्यप्रदेश)में बसे हुए हैंl इन्दौर शहर से ही आपने वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ विधि और पत्रकारिता विषय की पढ़ाई की हैl आपका कार्यक्षेत्र इन्दौर ही हैl सामाजिक क्षेत्र में आप सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं,तो स्वतंत्र लेखन,सामाजिक जागरूकता,तथा संस्थाओं-वकालात के माध्यम से सेवा भी करते हैंl विधा-काव्य,व्यंग्य,लघुकथा व लेख हैl उपलब्धियां यही है कि,उच्च न्यायालय(इन्दौर) में अभिभाषक के रूप में सतत कार्य तथा स्वतंत्र पत्रकारिता में मगन हैंl