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यही कोई दस साल पहले की बात है,जब मैं अफ्रीका में एक योजना पर काम कर रहा था। हमारा कैम्प शहर से काफी दूर था,जो जंगल और पहाड़ियों का मिश्रित इलाका था। दिन में तो फिर भी योजना में काम करने वाली कंपनियों की गाड़ियां और आते-जाते लोग दिख जाते थे,लेकिन शाम होते-होते सन्नाटा-सा […]

आज चल गया पता ये मुझको जनसंख्या वृद्धि बेकारी है, देश की फूहड़ आधी `जनता` ढोंगियों के चक्कर में नाकारी हैl `भीड़` बनी है मूरख जनता अंधकार की नगरी में, मूढ़ दोचकर `खलबट्टों` में व्यर्थालाप की घघरी मेंl रामपाल हो,हो आसाराम या राम रहीम के गुर्गे हों, या कह लो ये […]

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हस्तक्षेप ऐसा जो किसी भी महत्वाकांक्षी नेता को हजम नहीं हो सकता है। यह बात है सरदार वल्लभ भाई पटेल की, जब उन्होंने सारे राज्यों को स्थानीय राजाओं से बातचीत करके सरकार के अधीनस्थ कर लिया था तो चुनावों का दौर आया। यह दौर भारतीय लोकतंत्र के लिए एकाधिकार की […]

जय भारत उदघोष हुआ था, तोलोलम की चोटी पर… हर बेटा पानी फेर रहा था दुश्मन के बारूद की पेटी पर। जाली बंकर तोड़ घुसे थे, शेर वीर,उन कायर के पाक में बादल काले थे.. जब हौंसले बोले,विक्रम के चढ़ना इतना आसां न था, दुश्मन जहां थे ऊंचे पहाड़ों पर […]

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पाकिस्तान तेरे झूठ को कितना हम बर्दाश्त करें, कुलभूषण का अन्याय तराजू तेरा पर्दाफाश करें।    वो जिंदा है या है मृत,ये तो हमको मालूम नहीं,  पर तुझसे संधि न करने की तालीम हमारी रही सही।   बैर बढ़ाकर तू अपने पैरों पे कुल्हाड़ी है मार रहा,  पता है हमको […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।