चल कीर्तन कर ले “धरतीपुत्र” अब लोकसभा की बारी आयी आधी रात के काले कागों ने जब नेताओं की कूदा फ़ांदी गायी अपने कुछ मुद्दो को लेकर नेता उछल कूद कर जायेंगे इस दल से उस दल तक वे दलदल का गंध गिरायेंगे दलबदलू की परिभाषा में न जाने कितने […]

भारत माँ के वीर पुत्र, त्याग की साक्षात् मूर्ति श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को कुछ मौन से शब्दों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि हे भारत के भाग्य विधाता तेरा वैभव अमर रहेगा हे परमाणु के वर दाता तेरा साहस निडर रहेगा मौन रहा मृत्यु का सागर जब तक सांसें अटल रही […]

तेरा वाचन जगमोहक सा, वेदों को पीछे छोड़ दिया वाचन करने वाले ने ऐसा,कौन सा वक्तव्य छोड़ दिया मीठे बोल से कितनी जनता सुविधाएँ पा जाती है इन भाषण से क्या युवा पीढ़ी रोजगार पा जाती है गिने नही जाते ये मुद्दे इन लगातार के भाषण में कर्णद्वार भी भर […]

अंगारों सी तपती सड़कों पर, जब  डंपर दौड़ लगाते हैं, मानों जैसे सौदागर जानों पर, मौत की होड़ लगाते हैं, देती नगद हवाला मृत्यु चलते फिरते जीवन का मोलभाव फिर कहां से होगा रफ्तार में छिनते जीवन का एक काम करो ऐ सौदागर, कुछ सड़क किनारे गुमटी खोलो कुछ साज […]

(माँ नर्मदा की जयंती विशेष) सुनो सुनाता माँ की कहानी, नर्मदा मैया चिरकाल कुंवारी। जब हुई धरती पे पापों की वृष्टि, तब विपरीत हो गई सारी सृष्टि। काल में डूबी मानव की नैया, रूठ गयी थी म्हारी धरती मैया। सूख गया था संसार ये सारा, सारी ऋतुओं ने मुंह था […]

(इंदौर की दर्दनाक दुर्घटना पर अश्रुपूर्ण श्रद्धाजंलि) आँधी छलती है रोज़ हवा को, मृत्यु छल करती है जीवन से… हमने भी छल किया है खुद से, आज दूर किया जो मासूमों को… ढोंग पीटती ये सब विरह वेदना, छिप जाती है अव्यवस्थाओं में… अजगर की भांति वन में रेंगना, तंत्र […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।