सतरंगी चुनर माँ तेरी अनेक्य में एका-सी आभा लहराई है। गर्वीले इतिहासी आभूषण ने माँ तेरी शान बढ़ाई है॥ अमृत-सी तेरी वाणी में असंख्य भाषाई त्रिवेणियां बल खाई हैं। माँ तेरे माथे की बिन्दियां ज्ञान सूर्य बन,जग चमकाई हैं॥ पग को धोता हिन्द है द्योतक यहाँ, वेद-योग की गहराई है। […]

मै परीकथाएं लिखती हूँ,क्योंकि जीवन का १५ प्रतिशत यथार्थ,८५ फीसदी कल्पनाओं की परीकथा से ही संवरता है,और मुझे अपना यथार्थ भी परी कथाओं-सा स्वप्निल चाहिएl  कहीं किसी ने मेरी रचनाओं को पढ़कर कहा-`खूब परी-कथाएं लिखिएl` तब से सोचती हूँ हर रोज़.. `क्या गलत करती हूँ जो, हर तरफ लगी साम्प्रदायिकता की […]

कभी-कभी कैसे बुलबुले उठते हैं मन में,कुछ बड़े तो कुछ छोटे..जैसे मन में कुछ खौल रहा होl तमाम तरह के वैचारिक बुलबुले उभरते और फटते हुए..। कहीं पढ़ रही थी कि,मनुष्य चाहे जितना भी व्यस्त क्यों न हो, एक निश्चित समय उसे खुद के साथ बिताना चाहिए, अच्छा लगता है […]

`राधा रूठ गई कन्हैया से, कह डारी कितनी ही कड़वीं बतियां मनबसिया से।  कहे राधा नयनन् में भर के आंसुअन की धार, कहो कन्हैया का देखो तुम इन गोपियन में, अऊर हो जात हो निढाल?  जिया मोर सुलग जाए सुन तुम्हरी रसीली बतियां, ए कन्हैया! काहे तुम रस बरसाओ इन […]

प्रतिदिन सोशल मीडिया पर नारी की फटी-चीथड़ी,आंखों में आंसू और गोद में बिलखते बच्चों की तस्वीरों और अत्यन्त दारूण सामग्री को देखते-देखते मैं थक चुकी हूँl ऐसा नहीं कि,मैं समाज में हो रहे नारी शोषण की पक्षधर हूँ। मैं भी एक नारी हूँ,और इस तरह की नारी के प्रति हो […]

  आज पहला दिन है गर्मियों की छुट्टियों का,एक अजब-सी बेफिक्री भी है,और गजब की फिक्र भी। बेफिक्री इस बात की कि,घड़ी का अलार्म बजने से पहले ही आंख खोलकिचन में घुसकर बच्चों के लिए दूध बनाकर देना,स्कूल का टिफिन बनाकर रखना। उफ्फफफ्,ये टिफिन में क्या  बनाकर देना है! यदि […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।