छाया बंसत सुरभित पवन पिया की यादl कोकिल कहे कुहूँ-कुहूँ पुकार प्रियतम आl आँखियां रोवें उठे कसक जिया बैरी बसंतl पीत वसन लहराती वसुधा गोरी उदासl                #लिली मित्रा परिचय : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर करने वाली श्रीमती लिली मित्रा हिन्दी भाषा के प्रति स्वाभाविक […]

गिट्टी ऊपर गिट्टी की होड़, मिलकर खेलें गिट्टी फोड़।            लगा निशाना तान के गेंद,           छितरे गिट्टी होड़ को तोड़। लपके सारे गेंद की ओर, बंटी,हरिया,मधु,किशोर।               धर पाया ना भूरा होड़,       […]

जब भी बैठती हूँ, खुद के साथ अपनी हथेलियों को बड़े गौर से देखती हूँl आड़ी-तिरछी इन लकीरों, में न जाने क्या खोजती हूँl सिकोड़कर कुछ गाढ़ी, खिंची लकीरों की गहराई नापती हूँl पता नहीं,इन गहराइयों में, खुद को कहाँ तक डूबा देखती हूँ ?? सोचती हूँ,क्या सच में मेरी, […]

चिड़िया रानी बड़ी सयानी, अपने मन की हो तुम रानी। छोटे-छोटे पैरों से तुम, फुदक-फुदक कर चलती हो। जाँच-परख कर अच्छे से, फिर चोंच से दाना चुगती हो। बड़ी गजब की फुर्तीली हो, चंचल कोमल शर्मीली हो। कभी घास पर-कभी डाल पर, चीं-चीं करती फिरती हो। खुले गगन में पंख […]

सृजन सृष्टि का चलता प्रतिपल, सरिधार बहे ज्यों निर्झर कल-कल। प्रश्न जुड़े जब ‘कारण’ से, एक नूतन सिरजन अस्तित्व लिए, नव शोध,निष्कर्ष, निर्धारण से। एक सोच लहर-सी आती है, मन चेतन सजग बनाती है, सब इंद्रियां संचालित हो जाती हैं, एक चक्र सृजन का चलता है, कुछ नवल नया गढ़ […]

आसान नहीं होता सांसारिकता में बंध तुम्हें रचना, फिर भी मैं प्रयास करती हूँ, हे साहित्य! मैं तुम्हें आत्मसात करती हूँ। मिले हो ईशाशीष से, तुम्हें प्रीत का मुधरतम् गीत मान मैं तुम्हें काव्यसात् करती हूँ, हे साहित्य! मैं तुम्हें आत्मसात करती हूँ। हाँ प्रेमासक्त हुई तुम संग,मैं प्रेम शंख […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।