क्यों रखूं मैं धैर्य ? क्या मिला है मुझे धैर्य रखकर ? अधीर हो किसी ने बुलंदी को छू लिया धैर्य रखकर हमने फिसलते वक्त को देखा धैर्यवान को सब पाठ पढ़ा जाते हैं मानों जैसे उसके अवगुण को दर्शा जाते हैं हाँ नाम मजबूरी का धैर्य को दे जाते […]

“सच कहूं तब मन बिखर जाता है ।।”   जब अंदर से कुछ कहना हो । अनकही कसक को सहना हो।   सब कुछ छूट जाने पल हो । बिखरता आज और कल हो ।   “सच कहूं तब मन बिखर  जाता है ।।”   जब दवा भी ज़हर का […]

काश तू किसी इंसान के घर पैदा होता ना तू कभी हिन्दू होता ,ना मुसलमाँ होता ।। तू क्यों खुशनुमा विविधता को तोड़ रहा स्वार्थ को क्यों देश भक्ति से जोड़ रहा। यहां पल पल लोग कण कण में टूट रहे हैं लोग धर्म के आड़ में क्षण क्षण में […]

ख़्वाबों को दफनाकर क्योंकि, कितने अंजाम अभी बाकी हैं। पाकर रहेंगे सुदूर मंज़िल को,  रूह में हौंसला ए जान, अभी बाकी है।। चढ़ रही है पेड़ पर बेफिक्र गिलहरी, ना जाने कितनी उड़ान अभी बाकी है। तुम डरा कर तोड़ रहे थे मुझको, कर दूंगा साबित, प्रमाण अभी बाकी है।। […]

मॉ तू महान है खुद सहकर सारी विपदा संतानों को करती अद्भुत सुख प्रदान है मॉ  तू महान है बुरे संगतों से बचाकर नैतिकता का पाठ पढ़ा कर सदा करती सुखद पथ प्रदान है मॉ तू महान है मॉ तू ही जन्नत तू ही इबादत मॉ ही देवी और भगवान […]

करके अनुपम श्रृंगार, भर के आंखों में प्यारl मिलने को मुझसे आई थी, परियों की रानी इक बारll  शरमाते हुए सामने से आकर, अपनी पलकों को झुकाकरl थमा गई हाथ में मेरे, एक प्यारा-सा गुलाबl मिलने को मुझसे आई थी, परियों की रानी इक बारll  मुस्कुराते हुए कुछ कह रही, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।