इंदौर । हिंदी और उर्दू के बेहतरीन संगम और चुनिंदा नज़्मों को इंदौर के लेखक डॉ.वासीफ काज़ी ने पुस्तक ‘कशिश’ के रूप में सृजन किया,संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक कशिश का विमोचन मंगलवार को इंदौर एबी रोड़ स्थित डीक्यू कैफे में साहित्यकारों के बीच होना है ।      कवि […]

बहारें इंतज़ार करती,ग़ुलों के खिलखिलाने का । हमें भी इंतज़ार है अब, तुम्हारे मुस्कुराने का ।। तुम्हारे नाम है मेरी ये सारी ज़िंदगानी ।।। हमें तो शौक है तेरी, बांहों में बिखर जाने का ।।।। मेरा दिल तो हरदम यूं, तुम्हारा नाम लेता है । चाहत की हसीं राहों पर, […]

दिल से जुदा नहीं हो तुम, मेरे ज़ेहन में तेरी यादें हैं । अधूरी हैं रस्में मोहब्बत की, पतझड़ से ये तेरे वादे हैं ।। हर सांस मुझे तेरा इंतज़ार है, सच कहूं मुझे तुझसे प्यार है ।। अहसास ए इश्क सुखन देता है, विसाल ए यार तो चुभन देता […]

रांझणा तेरी तड़प, तेरे जज़्बात, हीर के बेचैन हैं ख़्यालात । मिसालें ताउम्र रहेंगी रोशन, कम न होंगे मोहब्बत के असरात ।। अकेला होकर भी अकेला नहीं हूं , मेरे पास तेरी यादों का ज़खीरा है । अधूरा होकर भी अधूरा नहीं हूं, तेरे अहसास से इश्क़ मेरा पूरा है […]

अद्भुत साहस, अद्भुत बल है,  अद्भुत इच्छा शक्ति भी । जोश दौड़ता रगों में जिसके,    भारत मां की भक्ति भी ।।  अक्षत, रोली,चंदन लेकर,     करते तुमको वंदन है ।  हर दिल के स्पंदन तेरा,      पुण्य धरा पर अभिनंदन है ।।  तेरी जीवटता के आगे,   […]

हमारे सुकून के ख़ातिर,   वो अपना सुकून खोते रहे । हम सो सकें बेफ़िक्रे,   वो अपनी नींदें खोते रहे ।। जांबाज़ हैं,डटे हैं सरहद पर,   हमारे लिए वो ज़िंदगी खोते रहे । शहादत पर न अश्क़ बहाना यारों,  ताबूत उनके वतन के लिए रोते रहे ।। किसी […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।