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अद्भुत साहस, अद्भुत बल है,
अद्भुत इच्छा शक्ति भी ।
जोश दौड़ता रगों में जिसके,
भारत मां की भक्ति भी ।।
अक्षत, रोली,चंदन लेकर,
करते तुमको वंदन है ।
हर दिल के स्पंदन तेरा,
पुण्य धरा पर अभिनंदन है ।।
तेरी जीवटता के आगे,
दुश्मन भी सहमा सहमा सा ।
तेरे भुजबल के आगे तो,
समय भी है ठहरा ठहरा सा ।।
अपनी धरती,अपना अम्बर,
जग में अलख निरंजन है ।
चाहत के चौराहे पर वंदन,
पुण्य धरा पर अभिनंदन है ।।
#डॉ.वासीफ काजी
परिचय : इंदौर में इकबाल कालोनी में निवासरत डॉ. वासीफ पिता स्व.बदरुद्दीन काजी ने हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है,साथ ही आपकी हिंदी काव्य एवं कहानी की वर्त्तमान सिनेमा में प्रासंगिकता विषय में शोध कार्य (पी.एच.डी.) पूर्ण किया है | और अँग्रेजी साहित्य में भी एमए कियाहुआ है। आप वर्तमान में कालेज में बतौर व्याख्याता कार्यरत हैं। आप स्वतंत्र लेखन के ज़रिए निरंतर सक्रिय हैं।
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Sat Mar 2 , 2019
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