माया है  संसार  यहाँ  है सत  नारी। जन्माती  है, पूत निभाती वय सारी। बेटी माता  पत्नि बनी वे बहिना भी। रिश्ते प्यारे खूब  निभे ये कहना भी। होती है श्रृद्धा मन से ही जन मानो। नारी  सृष्टी  सार  रही  है पहचानो। नारी का  सम्मान करे  जो मन मेरे। हो जाए  […]

.   …..……. माँ जननी सहती धरती सम, संतति  के अरमान  सजाती। पेट रखे महिने वह  नौ तक, प्राण सहेज,सुआस लगाती। शीत सहे विपदा घन आतप, काज सभी घर संग चलाती। संतति हेतु तजे सुख मारग, देख सपूत  भरे पय  छाती। .  …..……. पूत गये जब देश भले हित, मात  गुमान  […]

 नाक सुआसी सी शोभती,  खिलते लाल कपोल। आंखन अंजन आंझके, नैना बने अमोल।।  हंस उड़ा बागन चला, ले मोतिन की आस। नगनथ देखो नाक को, मन में होत उदास।। नदी नाव संजोग से बहती पानी धार। नाविक नदिया एक से ,म्यान फंसी तलवार।। तोता मैना बोलती, चिड़िया करती चींव।  कोयल […]

सुन्दर अपना देश है, सुन्दर जग  में  शान। वन्य खेत गिरि मेखला,सरिता सिंधु महान। सरिता सिंधु महान, ऋतु  ये हैं मन भावन। पेड़,गाय,जल,आग, इन्हे मानें  हम पावन। कहे लाल  कविराय,  बरसते  यहाँ  पुरंदर। सुन्दर सोच विचार, बोल भाषा सब सुन्दर। .                  वंदन  सुन्दर  हो  रहा, सुन्दर शुभ परिवेश। सुन्दर फल […]

जम्मू | डोगरी एवं हिंदी भाषा के युवा बाल साहित्यकार,  लघुकथाकार, कथाकार, कवि, आलोचक,लेखक, अनुवादक, भाषाविद्, सांस्कृतिककर्मी एवं समाजसेवी यशपाल निर्मल को उनके साहित्यिक योगदान के लिए बीर भाषा हिन्दी साहित्यपीठ, मुरादावाद , उत्तर प्रदेश की ओर से ” साहित्य वाचस्पति” की मानद उपाधि से विभूषित किया गया है। इस […]

धन बरसाने आई लक्ष्मी ,घर – घर खुशियाँ छाई। कर दरिद्र कोसों दूर, भण्डार भरने खुद माँ आई।। भावों के दीप सजाकर, देखो कैसी रोशनी आई। अमावस के घोर तिमिर को, जीतने रोशनी छाई।। कतारें सज रही दीपों की, बाजार सजे धजे भाई। रंग बिरंगे नव परिधानों में, सजे हैं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।