नारी कल्याणी

0 0
Read Time3 Minute, 23 Second

babulal sharma
माया है  संसार  यहाँ  है सत  नारी।
जन्माती  है, पूत निभाती वय सारी।
बेटी माता  पत्नि बनी वे बहिना भी।
रिश्ते प्यारे खूब  निभे ये कहना भी।

होती है श्रृद्धा मन से ही जन मानो।
नारी  सृष्टी  सार  रही  है पहचानो।
नारी का  सम्मान करे  जो मन मेरे।
हो जाए  कल्याण  हमेशा तन तेरे।

नारी है  दातार  सदा ही बस देती।
नारी माँ के रूप विचारें जब लेती।
नारी पृथ्वी रूप सदा ही सहती है।
गंगा  जैसी  धार  हमेशा बहती है।

माताओ ने  पूत  दिए  हैं  जय होते।
सीमा की रक्षाहित वे जो सिर खोते।
पन्ना धायी त्याग करे जो  जननी है।
होगा  कैसा  धीर करे जो छलनी है।

होती हैं  वे वीर  हमारी बहिने  तो।
भाई को  भेजे  अपना देश बचे तो।
बेटी का तो रूप सदा ही मन जाने।
होती  है  ईश्वर  यही  भारत   माने।

पन्नाधायी रीत निभाती तब माता।
बेटा प्यारा ओढ़ तिरंगा घर आता।
पत्नी वीरानी  मन  सिंदूर  लुटाती।
पद्मा जैसे जौहर की याद दिलाती।

राखी खो जाती बहिनें ये बिलखाती।
नारी का ही रूप तभी तो सह जाती।
दादी  नानी  की  कहनी  है  मनबातें।
वीरो  की  कुर्बान  कथाएँ  सब  राते।

नारी कल्याणी  धरती के सम होती।
संस्कारों के बीज सदा ही तन बोती।
माता  मेरा  शीश  नवाऊँ  पद   तेरे।
बेटी  का सम्मान  करें  ओ  मन मेरे।

नारी कल्याणी जननी है अभिलाषी।
बेटी का सम्मान करो   भारत वासी।
कैसे  भूलोगे  जननी  को यह बोलो।
नारी भारी त्याग सभी मानस तोलो।

आजादी का बीज उगाया वह रानी।
लक्ष्मी बाई  खूब लड़ी  थी मरदानी।
अंग्रेजों को खूब  छकाया उसने था।
नारी का सम्मान बढ़ाया जिसने था।

सीता राधा की हम क्या बात बताएँ।
लक्ष्मी दुर्गा  की सब को याद कथाएँ।
गौरा  गंगा  भारत  की  शान दुलारी।
नारी कल्याणी सब की है हितकारी।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मेरी कहानी अद्भुत थी

Sun Mar 10 , 2019
मेरी कहानी अद्भुत थी चारों ओर से पहाड़ों से घिरी थी, हवा जो चल रही थी वह भी कुछ गुनगुना रही थी, जैसे प्यारा के किस्से बुदबुदा रही हो, या संघर्ष का अध्याय खोली रही हो। मेरे पास बहुत कुछ नहीं था, महाभारत का अधूरा ज्ञान था रामायण की अल्प […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।