आज की सुब्ह बाकी गुजरी सुब्ह से अलग थी, सुब्ह आंख खुली तो एहसास हुआ दर्द का, पूरे शरीर में दर्द हो रहा था ! थोडी देर बाद हुआ वही जिसकी आशंका थी, अब दर्द अपनी सारी हदे तोड़ रहा था, पानी के बिना मछली जेसी हालत थी, बिस्तर पर […]

मनुष्य का जब जन्म होता है तो वह प्रथम तीन से जुड़ता है। पहला स्थान माँ का है। माँ का वह अभिन्न अंग है,पिता  उसके लिए सूचना है और प्रसव के समय धाय से भी वह अज्ञात भाव से परिचित हो जाता है। इन तीनों से जुड़कर वह इस धरती पर लीला शुरू करता […]

हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने भरपूर प्राकृतिक सुन्दरता,स्वच्छ जल,जंगल,पहाड़,नदियों और स्वच्छ परिवेश से नवाजा है। यहां वर्ष पर्यन्त किसी-न-किसी क्षेत्र में मेलों का आयोजन भी होता रहता है। यहां के २ हजार से ज्यादा प्रमुख देवस्थलों पर लोग अपनी आस्था के पुष्प अर्पित करते हैं। यहां के मेलों में कुल्लू […]

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आख़िरी पूर्ण बजट पेश करने के बाद शाद अजीमाबादी की ये पंक्तियां याद आ रही हैं-‘तमन्नाओं में उलझाया गया हूं…खिलौने देकर बहलाया गया हूं’। वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान सबसे ज्यादा तालियां उस समय बजी जब राष्ट्रपति,उप राष्ट्रपति,राज्यपाल और सांसदों के वेतन की […]

हिंदी पटकथा लेखकों की इस प्रतियोगिता में जिसके निर्णायक मंडल में हिंदी फिल्मों के बड़े नाम जुड़े हुए हैं आमिर खान सहित रोमन लिपि की लगाई गई शर्त प्रतिभागियों के लिए,हिंदी के लिए और भाषा मात्र के लिए अपमानजनक है और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अवैध या असंवैधानिक तो नहीं […]

केन्द्र में सत्तारूढ़  भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल २०१९ में होने वाले आमसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। वह पिछली बार की तरह  के लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है। इसके लिए दल चुनावी रणनीति भी बना रहा है,लेकिन उसके लिए आम चुनाव की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।