ऑटिज़्म जागरुकता दिवस (2 अप्रैल) विशेष परिवर्तन प्रकृति का नियम है और स्वीकृति उस परिवर्तन का आगाज़। ऐसी ही कुछ स्वीकृति और जागरुकता की आवश्यकता है, ऑटिज़्म के प्रति भी। ऑटिज़्म मानसिक विकलांगता नहीं हैं, अपितु मस्तिष्क में न्यूरोलोजिकल असामान्य परिस्थित से उत्पन्न अवस्था है। न्यूरोलोजिकल डिसऑर्डर से तात्पर्य है […]

नींद प्राणी के जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। नींद से प्राणी नई ऊर्जा को ग्रहण कर कार्यों को सही ढंग से करने में सक्षम होता है, जिन व्यक्तियों की नींद पूरी नहीं होती उनकी स्थिति शराबी जैसी होती है। लंबे समय तक नींद पूरी न हो तो इससे प्राणी […]

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू छोड़ने का निश्चय करने वालों में से केवल 30% लोग ही तंबाकू छोड़ने के उपाय को अपनाने में सफल होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष गैर संचारी रोग (कैंसर, मधुमेह, सांस की बीमारी, त्वचा की बीमारी, हृदय रोग) से मरने वालों […]

आइए जानें कोविशिल्ड,कोवक्सिंन,स्पूतनिक तथा अन्य वैकड़ीनो के गुण क्या क्या है † कोविशील्ड (Covishield) कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है और इसके उत्पादन के लिए भारत में इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है।ये एक तरह का सौदा है जिसमें प्रति वैक्सीन […]

डर एक जन्मजात किन्तु नकारात्मक संवेग है। भय व्यक्ति को खतरों के प्रति सजग रहते हुए प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार करता है। भय से व्यक्ति में शारीरिक परिवर्तन होते हैं जो उन्हें सतर्कता के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। जब कोई लंबे समय तक भय […]

कोरोना की द्वितीय लहर ने ऐसा कहर बरपाया है कि चारों ओर त्राहिमाम -त्राहिमाम मची है । कोरोना की प्रथम लहर से भारत जीता था और इस बार भी महामारी से हम निश्चित ही फिर से जीतेंगे । प्रथम बार भारत में कोरोना ने इतना कहर नहीं ढाया था, जितना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।