प्राणवंत हो सुप्त भावना, हो पूरण सब मनोकामना। वाणी में अमृत घुलता हो, बांहों का हार मचलता हो। अग्रज के सम्मुख हम नत हों, आदर्शों में अध्ययनरत हों। हो बीजारोपण ममता का, जहाँ पाठ पढ़े सब समता का। कर्मठता का मूल्यांकन हो, हर योग मणि-कांचन हो। घर-घर में तुलसी सेवा […]

  मतलब की दुनिया सारी है। देखो कैसी बीमारी हैll    बेटे बसे विदेश कमाएं, घर में बेबस महतारी हैll    सर्दी पूछो उससे जिसने, नभ नीचे रात गुजारी हैll    निर्धन वंचित उससे जो भी, बनी योजना सरकारी हैll    धागा बाँधा मंत्र जपे जब, गुरु पर सुना राहू […]

मन की पीड़ा दिल का दर्द, सबकी बस एक तू ही दवा। मेरे कान्हा,मेरे मालिक तुझसे ये दूरी, कब होगी पूरी कब तक रहूँ मै यहाँ। मन को न भाए झूठे ये रिश्ते, कैसे निभाऊं इन्हें मै जाऊं कहाँ। रोती हैं आँखें याद में तेरी बावला हुआ है ये मन, […]

  जिसने साहस,धैर्य से,किया  लक्ष्य संधान। पथ प्रशस्त उसका हुआ,मिली उसे पहचान॥ कामयाब वह ही हुआ,जिसके दिल में चाह। मंजिल तक लेकर गई,कहो किसे कब राह॥ पथ का संबल प्रेम यदि,रहे पथिक के पास। मुश्किल झंझावात से,होता  नहीं उदास॥ मार्ग वही होता उचित,जो सिखलाए प्रीति। साथ अकिंचन के रहे,दूर करे […]

(बाल दिवस विशेष) याद आ गया मेरा प्यारा-सा बचपन, जिस गांव घर-गली ने सवांरा था बचपन। चार पहिए की गाड़ी अब मेरे पास है पर, एक पहिए की गाड़ी ने निखारा था बचपन। वो खुशी मुम्बई शहर में न हमको मिली, जिन खुशियों से मैंने गुजारा था बचपन। कंचे,गुल्ली-डंडा,एक पहिए […]

जलाए जा रहे हर तरफ लाखों दीए जब, झालरों की टिमटिम से जहां रोशन हुआl सितारे भी शर्माने लगे चकाचौंध से, अंधेरा जिंदगी में इस तरह दाखिल हुआll   सोने-चांदी की चमक में सबको निहारे, लाखों के जेवर सुबह औ शाम थामेl मुस्कराहट बेचता रहता है दिनभर, मिट्टी के दीए भी मिलते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।