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मतलब की दुनिया सारी है।
देखो कैसी बीमारी हैll
बेटे बसे विदेश कमाएं,
घर में बेबस महतारी हैll
सर्दी पूछो उससे जिसने,
नभ नीचे रात गुजारी हैll
निर्धन वंचित उससे जो भी,
बनी योजना सरकारी हैll
धागा बाँधा मंत्र जपे जब,
गुरु पर सुना राहू भारी हैll
शक्ति स्वरूपा है हर बेटी,
मत मानो वह बेचारी हैll
पता नहीं इस नश्वर जग में,
कब अगली किसकी बारी हैll
# डाॅ. बिपिन पाण्डेय
परिचय: डाॅ. बिपिन पाण्डेय की जन्मतिथि- ३१अगस्त १९६७ एवं जन्म स्थान-ग्राम रघुनाथपुर (ऐनी-ब्रम्हावली,औरंगाबाद)है।आप उत्तर प्रदेश राज्य के शहर-सीतापुर से सम्बन्ध रखते हैं। शिक्षा-एम.ए., एल.टी. और पी-एच.डी. है। आपका कार्यक्षेत्र-पी.जी.टी.(हिंदी)में अध्यापन है। लेखन में आपकी विधा पद्य (दोहा,कुंडलिया ,गीतिका)आदि सहित छंद बद्ध लेखन है। प्रकाशन में आपके नाम-कुंडलिनी लोक( साझा संकलन) तथा दोहा संगम(संपादित) है। सम्मान के रुप में कुंडलिनी रत्न सम्मान(लखनऊ)और दोहा शिरोमणि सम्मान खटीमा,उत्तराखंड) हासिल है। साथ ही आप ‘नेट’ एवं जेआरएफ़ पात्रता धारी भी हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-स्वांतः सुखाय है।
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Wed Jan 17 , 2018
मशीनी सभ्यता का नायाब़ तोहफ़ा, असंवेदनशील जीव न होकर स्वचालित,परन्तु बनने के बाद कभी भी अनियंत्रित, दिल से नहीं अपितु दिमाग से चलता और रूकता हो। काश् तुम भी मानव नहीं, कोई ‘रोबोट’ होते! कम-से-कम साथ तुम्हारा रहता, जब चाहती पास लाकर प्यार करना-प्यार करती, जब चाहती नफ़रत करना तो […]