हमने तुमको याद किया, सारा जमाना भूल गए। इतना तुमको प्यार किया, खुद से निभाना भूल गए। तेरा ही इंतजार किया, साँसों का आना भूल गए। हाथ तेरा जो थाम लिया, अपना ठिकाना भूल गए। हमने तुमको याद किया, सारा जमाना भूल गए। इतना तुमको प्यार किया, खुद से निभाना […]

न काम कोई …………… दवा आएगी, न काम कोई …………… दुआ आएगी मौत आकर खड़ी होगी जब सामने, हंस उड़ जाएगा,काया रह जाएगी…। न काम कोई ………॥ किसे है पता काल के चक्र का, तोड़ जीवन  मरण के वक्र का अनहोनी होनी में बदलेगी जब, न उस वक्त कोई सदा […]

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जब तुम कहते हो मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मुझे लगता है मेरा ख्याल करते हो। जब भी मेरी कमी महसूस करते हो, मुझे लगता है मेरा ख्याल करते हो। जब कभी यूं ही मेरा हाथ चुपके से, थामकर हल्के से दबा लेते हो मुझे लगता है मेरा ख्याल करते […]

  जिन्दगी  के आँधियों के झोंके सहज मन झेलिए। व्यथा-कथा की पुलिन्दा किसी से न खोलिए॥ कम करना चाहते सचमुच हृदय की वेदना। मात्र कहिए एक प्रभु से आप निज संवेदना॥ हर दौर हर ठौर में हैं दुश्मन भरे जस्बात के। कर सकते न्याय कहाँ वे आपके हालात से ? […]

गहरी पीर भरी हो मन में, अधरों पर फिर भी मुस्कान। भाव-कर्मपथ को सम्यक कर, छेड़ो  सस्वर तुम मधु गान॥ श्वेत-श्याम रंग जीवन के, कभी कुलिश कभी लिए सुगन्ध। सुख-दुख गति-ठहराव मध्य है, जीवन का स्वर्णिम  अनुबन्ध ॥ जब तक साँस,आस है तब तक, चले कर्मपथ को पहचान। सब कुछ […]

मैं केवल अहिल्या क्यों बनी? तुम्हारे स्पर्श की आस में, मैंने सदियां बिताई है। पूछूं किससे ? मेरी नियति प्रस्तर होना थी, मेरे प्राण क्यों शुष्क माने.. जो मेरे स्वामी थे? क्यों नहीं जाना सत्य, क्या था वो पटाक्षेप सिर्फ मतिभ्रम और क्या मेरा दोष? मैंने तो निभाई थी निष्ठा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।