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हमने तुमको याद किया,
सारा जमाना भूल गए।
इतना तुमको प्यार किया,
खुद से निभाना भूल गए।
तेरा ही इंतजार किया,
साँसों का आना भूल गए।
हाथ तेरा जो थाम लिया,
अपना ठिकाना भूल गए।
हमने तुमको याद किया,
सारा जमाना भूल गए।
इतना तुमको प्यार किया,
खुद से निभाना भूल गए।
#विजयलक्ष्मी जांगिड़
परिचय : विजयलक्ष्मी जांगिड़ जयपुर(राजस्थान)में रहती हैं और पेशे से हिन्दी भाषा की शिक्षिका हैं। कैनवास पर बिखरे रंग आपकी प्रकाशित पुस्तक है। राजस्थान के अनेक समाचार पत्रों में आपके आलेख प्रकाशित होते रहते हैं। गत ४ वर्ष से आपकी कहानियां भी प्रकाशित हो रही है। एक प्रकाशन की दो पुस्तकों में ४ कविताओं को सचित्र स्थान मिलना आपकी उपलब्धि है। आपकी यही अभिलाषा है कि,लेखनी से हिन्दी को और बढ़ावा मिले।
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Fri Sep 8 , 2017
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