Read Time1 Minute, 36 Second
जब तुम कहते हो
मैं तुमसे प्यार करता हूँ,
मुझे लगता है मेरा
ख्याल करते हो।
जब भी मेरी कमी
महसूस करते हो,
मुझे लगता है मेरा
ख्याल करते हो।
जब कभी यूं ही
मेरा हाथ चुपके से,
थामकर हल्के से
दबा लेते हो
मुझे लगता है मेरा
ख्याल करते हो।
ये मुझमें जिंदगी
भरता है,
लगता है मेरी
जरूरत है तुम्हें।
कोई तो है जो
मेरे लिए,हाँ,
मेरे लिए जीता है।
कितनी अजीब बात है
हम ख्याल करते तो हैं,
मगर उनको बताते नहीं
न ही महसूस कराते हैं।
और कई बार ये रिश्ते
यूं ही बेतकल्लुफी में,
सूखकर मर जाते हैं।
तो ख्याल कीजिए उनका,
जिन्हें बहुत प्यार करते हैं।
#विजयलक्ष्मी जांगिड़
परिचय : विजयलक्ष्मी जांगिड़ जयपुर(राजस्थान)में रहती हैं और पेशे से हिन्दी भाषा की शिक्षिका हैं। कैनवास पर बिखरे रंग आपकी प्रकाशित पुस्तक है। राजस्थान के अनेक समाचार पत्रों में आपके आलेख प्रकाशित होते रहते हैं। गत ४ वर्ष से आपकी कहानियां भी प्रकाशित हो रही है। एक प्रकाशन की दो पुस्तकों में ४ कविताओं को सचित्र स्थान मिलना आपकी उपलब्धि है। आपकी यही अभिलाषा है कि,लेखनी से हिन्दी को और बढ़ावा मिले।
Post Views:
598
Thu Aug 24 , 2017
बाइस अगस्त सत्रह का दिन, सखी ऐतिहासिक व नारीत्व का रक्षक हो गया। पिसती हुई एक आबादी की जिन्दगी सँवर गई। पुरातन पुरुषवादी संकीर्ण एक सोच से आज नारी मुक्त हो गई। ईद का त्योहार आज सब हैं मना रहीं। उनके संग हम भी दिवाली मना रहे। नारी तो है […]
Bahut sundar shabdo ki rachna.
Very nice