दीपावली का समय था । यह तय हुआ कि निहाल को बुलाकर उससे बिजली की सारी बंद लाइट बदलवा दी जाए तथा और भी बिजली के जो छोटे-मोटे काम बचे हैं, वह करवा कर घर के बाहर की झालर लाइट भी लगवा ली जाए। वैसे तो बिजली मैकेनिक को बुलाना […]

किसी को भी गिराने का इरादा हम नहीं, ग़लत को सच बताने का इरादा हम नहीं रखते! मैं आखिर क्या हूँ जाने है स्वयं परमात्मा यारो, ख़ुदा ख़ुद को दिखाने का इरादा हम नहीं रखते! खिलाफ़त कितनी भी कर लें हमारे अपने ही चाहे, कभी बदला चुकाने का इरादा हम […]

  *इस भारतभूमि के अंचल में समय-समय पर ऐसे नरपुंगव पैदा हुए हैं जिनके विचारों ने न केवल भारत अपितु संपूर्ण विश्व को प्रेरणा प्रदान की।12 जनवरी सन् 1863 ई. की पौष संक्रांति पर कलकत्ते के सिमुलिया पल्ली में माँ भुवनेश्वरी की कोख से ऐसे ही एक नवरत्न ने जन्म […]

वे सारे लोग सिर झुकाकर खड़े थे। उनके कांधे इस कदर झुके हुए थे कि पीठ पर कूबड़-सी निकली लग रही थी। दूर से उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे सिरकटे जिस्म पंक्ति बद्ध खड़े हैं।   मैं उनके नजदीक गया। मैं चकित था कि ये इतनी लम्बी लाईन […]

अपना मध्यप्रदेश निराला अपना मध्यप्रदेश, सभी प्रान्तों में है आला अपना मध्यप्रदेश। बसा सतपुड़ा बीच पचमढ़ी दर्शनीय स्थल, विन्ध्यवासिनी मातु नर्मदा बहे बन्धु! कलकल। लगे स्वयं में जैसे शिवाला अपना मध्यप्रदेश, सभी प्रान्तों में है आला अपना मध्यप्रदेश।। भीमबैठका वाली गुफाएँ देख हों सब हर्षित, खजुराहो के मन्दिर जग में […]

एक ज़माना वो भी देखा एक ज़माना ये भी, पहले प्रेम रहा,डरने का एक ज़माना ये भी! ००० जब वह आते गाँव हमारे निज कुटिया तक आते, नहीं पता अब है वंदे का एक ज़माना ये भी! ००० पहले आस्था पर था केन्द्रित दुर्गा जी का चंदा, रूप लिया जिसने […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।