कूढ़े वाला आदमी

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prabhanshu
निराश नही है
अपनी जिन्दगी से
जो सड़क के किनारे लगे
कूढ़े को उठाता हुआ
अपनी प्यासी अॉखो से
कुछ दूढ़ता हुआ
फिर सड़क पर चलते
हंसते खिलखिलाते
धूलउडाते लोगो को टकटकी
निगाह से देखता
फिर कुछ सोचकर
अपनी नजरे
दुबारा अपने काम पर टिका लेता
शायद ये
सब मेरे लिए नही
वह सोचता है
अखिर कमल को हर बार
कचरा क्यों मिलता है
वह आदमी
दौड के उस कूढे को उठाता
जैसे उसे ईश्वर का प्रसाद मिल गया हो
जैसे तालाब के किनारे
कमल खिल गया हो
फिर सड़क पर लोग नही है
प्लास्टिक के थैले नही है
आैर चल देता है
दूसरे कूढ़े की आेर
शायद अपनी किस्मत को कोसते हुए
बस यही है मेरी जिन्दगी.
              #प्रभांशु कुमार

परिचय : प्रभांशु कुमार, इलाहाबाद के तेलियरगंज में रहते हैंl जन्म १९८८ में हुआ है तथा शिक्षा एमए(हिन्दी) और बीएड हैl आपकी सम्प्रति शिक्षा अनुसंधान विकास संगठन(इलाहाबाद) में सम्भागीय निदेशक की हैl आपकी अभिरुचि साहित्य तथा निबंध में हैl आपकी प्रकाशित रचनाओं मेंख़ास तौर से आधुनिकता,खोजता हूं,वक्त और स्मार्ट सिटी ने छीन लिया फुटपाथ सहित काव्य संग्रह-मन की बात में प्रकाशित चार कविताएँ हैंl निबन्ध लेखन में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत होने के साथ ही आकाशवाणी इलाहाबाद से कविताओं का प्रसारण भी हो चुका हैl  

 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।